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Manzoor Hai? | प्यार, इज़्ज़त और आज़ादी के नाम एक नज़्म | Vineet Panchhi
रिश्ते में होना…इसका मतलब क्या सिर्फ ये है कि अब हम एक-दूसरे के मालिक हैं? "Manzoor Hai?" एक ऐसी नज़्म है जो रिश्तों को ownership की तरह नहीं, partnership की तरह देखने की कोशिश है। जहां प्यार है, पर अपनी-अपनी जगह भी है। जहां साथ है, पर घुटन नहीं। जहां इज़्ज़त है, आज़ादी भी है। अगर आपको भी लगता है कि रिश्ते का मतलब सिर्फ समर्पण नहीं, बल्कि समझ और स्पेस भी है — तो ये नज़्म आपके लिए है। तुम मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा हो… मैं तुम्हारी वसीयत नहीं। अगर ये सब मंज़ूर है, तो चलो, साथ-साथ चलते हैं।