उत्तरकाशी में बादल फटने से जलप्रलय : VIDEO

वीडियो को देखने के बाद 2013 में केदारनाथ में घटित हुई घटना की याद आ जाती है। केदारनाथ की घटना 16 जून, 2013 को मंदाकिरनी नदी ने प्रलयकारी विनाश किया था।

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देहरादून. उत्तराखंड में एक बार फिर से भारी बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त होता दिख रहा है। शनिवार देर रात से प्रदेश के कई ईलाकों में भारी बारिश हो रही है। इस कारण कई इलाकों में बादल फटने की भी सूचना मिली है। इससे आस-पास के कई इलाकों में पानी भर गया है। चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शनिवार देर रात बादल फटने से तलोर और फल्दिया सहित आधा दर्जन गांवों में पानी के साथ भारी मलबा आ गया है। पहाड़ों की रानी मसूरी में भी कैंपटी-यमुनोत्री मार्ग भारी भूस्खलन के बाद बंद हो गया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन जेसीबी के माध्यम से सड़क पर आए मलबे को हटाने में जुटा है। वहीं इसके कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है।

यहां फटे बादल 

एक अधिकारी के मुताबिक, 'बादल फटने से मूलगढ़—थारती मोटर मार्ग का 20 मीटर हिस्सा बह गया। बादल फटने से थारती—डारगर गांव में एक गौशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई तथा तीन पुल भी बह गए। इसके अलावा, वहां दो खच्चरों के बहने की भी सूचना मिली है।'  उन्होंने बताया, 'राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मी अब भी क्षेत्र में बचाव एवं राहत कार्य चला रहे हैं।' 

एक अन्य घटना में टिहरी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र में बादल फटने से एक गदेरे (बरसाती नाले) में बाढ़ आ गई, जिससे खेत और कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ मवेशियों के भी इस दौरान बहने की खबर भी है।

2013 की घटना की दिलाता है याद

वीडियो को देखने के बाद 2013 में केदारनाथ में घटित हुई घटना की याद आ जाती है। केदारनाथ की घटना 16 जून, 2013 को मंदाकिरनी नदी ने प्रलयकारी विनाश किया था। लगातार 14 जून से 16 जून तक चली बारिश और बादल के फटने ने पूरे केदारनाथ को चारों तरफ से पानी-पानी कर दिया था। बताया जाता है कि इस घटना में करीब 50,000 लोग लापता हो गए थे जबकि 110,000 से अधिक लोगों को सेना ने बचा लिया था।

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