ना रावण का वध ना कोई गाथा... फिर क्यों फेमस है कुल्लू दशहरा, जिसमें शामिल होने पहंचे पीएम मोदी

हिमाचल में हर गांव में अपना अलग देवता है जहां लोग उसी को सब कुछ मानते हैं। कुल्लू दशहरे में इस सभी देवी देवताओं को पालकियों में बैठाया जाता है। इस बार इस दशहरे में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी हिमाचल में पहुंचे हैं। 

| Updated : Oct 05 2022, 05:59 PM
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वीडियो डेस्क। जब पूरे देश में दशहरा मना लिया जाता है तब हिमाचल में अनोखे तरीके से दशहरे की शुरुआत होती है। जिसमें ना रावण होता ना है रामयण का जिक्र। ना कोई कहानी होती है ना ही 10 सिर वाला दशानन। कुल्लू दशहरा अपने आप में बेहद अहम है। यहां भगवान रघुनाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। यहां के स्थानीय देवी देवताओं का मिलन होता है। ढोल नगाड़ों की धुनों पर लोग नाचते गाते इस उत्सव को मनाते हैं। आज के दिन से शुरू हुआ ये उत्सव अगले 7 दिन त चलता है। आपको बता दें कि हिमाचल में हर गांव में अपना अलग देवता है जहां लोग उसी को सब कुछ मानते हैं। इस सभी देवी देवताओं को पालकियों में बैठाया जाता है। ये त्योहार देवी देवताओं के मिलन और आशीर्वाद का प्रतीक है। इस बार इस दशहरे में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी हिमाचल में पहुंचे हैं। 
 

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