Kashmir में बर्फबारी के साथ शुरु हुआ 'चिल्लई कलां', जानें क्या होता है ये... मौसम से है क्या कनेक्शन

वीडियो डेस्क। कश्मीर की सर्दियों से तो आप खूब वाकिफ होगे। प्रकृति की सफेद चादर ओढ़े हिंदुस्तान की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार कश्मीर में इस वक्त भयंकर ठंड पड़ रही है। दिसंबर और जनवरी में सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। ऐसे में यहां तापमान माइनस से काफी नीचे चला जाता है।

Asianet News Hindi | Updated : Dec 28 2021, 02:10 PM
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वीडियो डेस्क। कश्मीर की सर्दियों से तो आप खूब वाकिफ होगे। प्रकृति की सफेद चादर ओढ़े हिंदुस्तान की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार कश्मीर में इस वक्त भयंकर ठंड पड़ रही है। दिसंबर और जनवरी में सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। ऐसे में यहां तापमान माइनस से काफी नीचे चला जाता है। नदी नाले, झरने सब जम जाते है। कई दिनों तक सूर्य देवता के दर्शन भी नहीं होते। ठंडी हवा और खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है। ये 40 दिन का एके पीरियड होता है जिसे यहां की लोकल भाषा में चिल्लई कलां कहते हैं। आइये जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें और ये क्या होता है। जिसका मौसम से खास लेना देना है। 

क्या होता है चिल्लई कलां?
चिल्लई कलां एक टाइम पीरियड को कहा जाता है। ये 40 दिन का होता है। इस समय सर्दी अपने पीक पर होती है। इन 40 दिनों में भयंकर ठंड पड़ती है। पूरा कश्मीर बर्फ की सफेद चादर से ढंका हुआ नजर आता है। इस दौरान पेड़ों से टपकती ओस भी जमने लगती है। नदी, झरने, तालाब सब जम जाते हैं। पेड़ की टहनियों और पत्तों पर बर्फ इक्ट्ठा हो जाती है। चिल्लई कलां की शरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी तक रहती है। 

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