कब बना था पहला विवाह कानून, 12 से कैसे 21 हुई लड़कियों की शादी की उम्र, जानें पूरी कहानी

वीडियो डेस्क। मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने बेटियों के विवाह ( Hindu marriage act) से जुड़ा बड़ा कानूनी सुधार किया है। जिसके तहत अब विवाह के लिए बेटियों की न्यूनतम आयु भी 21 वर्ष कर दी गई है। अब तक यह 18 वर्ष थी। और लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल थी। इस फैसले के बाद देश में लड़के और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र एक समान हो गई है।

Asianet News Hindi | Updated : Dec 16 2021, 09:08 PM
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वीडियो डेस्क। मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने बेटियों के विवाह ( Hindu marriage act) से जुड़ा बड़ा कानूनी सुधार किया है। जिसके तहत अब विवाह के लिए बेटियों की न्यूनतम आयु भी 21 वर्ष कर दी गई है। अब तक यह 18 वर्ष थी। और लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल थी। इस फैसले के बाद देश में लड़के और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र एक समान हो गई है। इस संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में एक संशोधन पेश करेगी और इसके जरिये विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 जैसे व्यक्तिगत कानूनों में संशोधन लाएगी। आइये आपको बतातें है कि बेटियों की शादी से जुड़ा ये कानून कब बना था। इसके पीछे की कहानी क्या है। देश में बाल विवाह को रोकने के लिए कितना संघर्ष किया गया है। 
 

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