मूंछों पर ताव, नाच-गाना और ढोल, किसानों ने खाली किए बॉर्डर, देखें 380 दिन बाद कैसे खत्म हुआ आंदोलन ?
वीडियो डेस्क। नए कृषि कानूनों समेत एमएसपी और बिजली बिल के खिलाफ लगभग सालभर से चल रहा किसान आंदोलन अब खत्म हो गया है। किसानों ने सिंघु बॉर्डर (Delhi Singhu Border) खाली कर दिया है। टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से भी किसान ट्रकों में भर भरकर वापस जा रहे हैं।
वीडियो डेस्क। नए कृषि कानूनों समेत एमएसपी और बिजली बिल के खिलाफ लगभग सालभर से चल रहा किसान आंदोलन अब खत्म हो गया है। किसानों ने सिंघु बॉर्डर (Delhi Singhu Border) खाली कर दिया है। टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से भी किसान ट्रकों में भर भरकर वापस जा रहे हैं। सिंघु बॉर्डर से लौट रहे किसान स्पीकर पर गाने बजाकर डांस कर रहे हैं और मिठाइयां भी बांट रहे हैं। कृषि कानून वापस लेने का किसानों से जश्न मनाया। वहीं किसान मोर्चा खत्म होने से एक रात पहले आंदोलनकारी किसान देशभक्ति गानों की धुनों पर गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न मनाया। 26 नवंबर 2020। आज 380 दिन हो गए। तब किसानों को दिल्ली आने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। आज 11 दिसंबर का दिन है। किसान शौर्य गाथा लिखकर दिल्ली से महाराजाओं की तरह घर वापसी कर रहे हैं। ठीक वैसे ही फतेह मार्च निकाला जा रहा है, जैसे पंजाब (Punjab) के राजा-महाराजा जंग जीतने के बाद वापस लौटा करते थे। इस फतेह मार्च की अगुआई सिख परंपरा के अनुसार श्रीगुरु ग्रंथ साहिब कर रहे हैं।