एक्सप्लेनर: कैंसर की वजह बनती है ई-सिगरेट, भारत में लगा बैन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कैबिनेट बैठक में ई-सिगरेट पर भी बैन लगाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि इसके उत्पादन, बनाने, निर्यात-आयात, ट्रांसपोर्ट और बिक्री पर भी रोक रहेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की वकालत की थी।

| Updated : Sep 19 2019, 02:13 PM
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एक्सप्लेनर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कैबिनेट बैठक में ई-सिगरेट पर भी बैन लगाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि इसके उत्पादन, बनाने, निर्यात-आयात, ट्रांसपोर्ट और बिक्री पर भी रोक रहेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की वकालत की थी।सीतारमण ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि जिन्हें ई-सिगरेट की आदत है, वे कहते हैं कि इससे वे कूल दिखते हैं। बताया जाता है कि बाजार में ई-सिगरेट के 400 ब्रांड बाजार में हैं, लेकिन कोई भी भारत में नहीं बनता। ई-सिगरेट 150 से ज्यादा फ्लेवर में आती है। मेडिकल विषेशज्ञ डॉ.आर.एस.विजयवर्गीय ने बताया कि सेहत के लिए ये बहुत खतरनाक थी। सरकार का फैसला बिल्कुल सही है इसे और पहले ही बैन करना था। साथ ही उन्होंने इससे होने वाली बीमारी के बारे में भी बताया। 

क्या है ई-सिगरेट और इसके क्या नुकसान हैं
ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट है। यह बैटरी से चलती है। आज कल युवा इसका काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धुम्रपान वाले तम्बाकू उत्पादों का एक विकल्प है। अब तक ई-सिगरेट को सेफ माना जाता था और जो लोग निकोटिन छोड़ना चाहते थे, वे ई-सिगरेट पीने का विकल्प अपनाते थे। लेकिन इस पर रोक लगाने की मांग उठती रही है। हाल ही में हुए एक रिसर्च से पता चला था कि ई-सिगरेट भी फेफड़े को उतना ही नुकसान पहुंचाता है, जितना कि सामान्य सिगरेट, जबकि ई-सिगरेट में निकोटिन नहीं होता। यह रिसर्च स्टडी अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में स्थित बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में हुई। इस स्टडी में यह पाया गया है कि ई-सिगरेट के इस्तेमाल से लंग्स के फंक्शन पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है। इससे जो वेपर्स निकलते हैं, जिसे इनहेल करने पर किसी को सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है, लेकिन वे लंग्स के इम्यून सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे लंग्स में वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

कैंसर की वजह बनती है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट बैटरी संचालित एक डिवाइस है जिसमें लिक्विड होता है
इसमें तंबाकू से उत्पन्न निकोटीन और फ्लेवर्ड एडिटिव्स  होते हैं
 इसे हीट करने पर ऐरोसॉल उत्पन्न होता है इससे शरीर के अंदर हेवी मेटल पार्टीकल चले जाते हैं  
 जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है 
  कारसिनोजेनिक होता है और कैंसर की वजह बनता है  
ई-सिगरेट की वजह से भारत में लंग कैंसर के मरीज बढ़ रहे थे 
पैरों में सूजन के साथ कई बीमारियों की वजह बन रही है ई-सिगरेट 
भारत सरकार ने अभी बैन किया जबकि विदेश में  पहले से बैन है
 

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