वो सिंधुताई जो भीख मांगकर बनीं अनाथों की मां, कभी रुलाएगी तो कभी जोश से भर देगी इनकी कहानी

वीडियो डेस्क। 1500 बच्चों की मां सिंधुताई, जिनके निधन पर हर कोई आंसू बहा रहा है। कहते हैं महाराष्ट्र में जिसका कोई नहीं उसकी सिंधुताई है। उनके आंचल में हजारों बच्चों को आश्रय मिला है। सिंधुताई का जीवन सिर्फ संघर्ष से भरा रहा। गरीब परिवार में जन्म, 10 साल की उम्र में 30 साल के व्यक्ति से शादी। पति की प्रताड़ना, खुद की मां का दुत्कारना और फिर एक बच्ची का जन्म, श्मशान में रोटी और बिलखते लोगों की आस। 

Asianet News Hindi | Updated : Jan 05 2022, 02:30 PM
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वीडियो डेस्क। 1500 बच्चों की मां सिंधुताई, जिनके निधन पर हर कोई आंसू बहा रहा है। कहते हैं महाराष्ट्र में जिसका कोई नहीं उसकी सिंधुताई है। उनके आंचल में हजारों बच्चों को आश्रय मिला है। सिंधुताई का जीवन सिर्फ संघर्ष से भरा रहा। गरीब परिवार में जन्म, 10 साल की उम्र में 30 साल के व्यक्ति से शादी। पति की प्रताड़ना, खुद की मां का दुत्कारना और फिर एक बच्ची का जन्म, श्मशान में रोटी और बिलखते लोगों की आस। ये उस मां के संघर्ष हैं जिन्हें सुनने के बाद हर किसी की आंख में आंसू आ जाए। ये उस महिला की कहानी है जिसे अपनों ने कभी आश्रय नहीं दिया लेकिन वो हजारों का आश्रय बन गईं। उनके प्यार और दुलार ने कई अनाथों की जिंदगी संवार दी। वो सड़कों पर भीख मांगती थीं ताकि अनाथ बच्चों का पेट पाल सकें। आइये जानते हैं सिंधुताई के जीवन के बारे में 10 बातें 
 

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