योगी सरकार की NRLM योजना से यूपी की ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। फतेहपुर की रीता देवी ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर मत्स्य पालन और ब्यूटी पार्लर शुरू किया, आज वे गांव की महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य की लगभग आधी आबादी यानी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन प्रयासों का असर अब ग्रामीण इलाकों में साफ दिखाई देने लगा है। ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जुड़कर हजारों महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और गांव की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं।
NRLM से बदली घरेलू महिलाओं की जिंदगी
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिलने वाली ऋण सुविधाओं का सही उपयोग कर अब घरेलू महिलाएं खुद का रोजगार शुरू कर रही हैं। ये महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि गांव की दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
डगरइया गांव की रीता देवी: संघर्ष से सफलता तक का सफर
यूपी के प्रयागराज मंडल के फतेहपुर जिले की मलवा विकास खंड स्थित डगरइया गांव की रहने वाली रीता देवी ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। रीता बताती हैं कि उनके पति एक सीमांत किसान हैं और पहले परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। कच्चा मकान था और बड़ी मुश्किल से घर चलता था।
महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़कर शुरू किया स्वरोजगार
रीता देवी को स्थानीय महिलाओं के माध्यम से ग्रामीण आजीविका मिशन की जानकारी मिली। इसके बाद वर्ष 2017 में उन्होंने 10 महिलाओं के साथ मिलकर ‘जय संतोषी मां महिला स्वयं सहायता समूह’ का गठन किया। समूह के माध्यम से उन्हें सीसीएल फंड से 1 लाख 40 हजार रुपये का ऋण मिला, जिससे उन्होंने गांव में मत्स्य पालन का काम शुरू किया।
मत्स्य पालन से हर महीने 15 से 20 हजार रुपये की आय
आज रीता देवी के पास मत्स्य पालन के तीन टैंक हैं, जिनसे उन्हें हर महीने करीब 15 से 20 हजार रुपये की आय हो रही है। रीता का कहना है कि इस आमदनी ने उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी।
ब्यूटी पार्लर से बढ़ी आमदनी, बना पक्का घर
मत्स्य पालन से मिली आय से रीता देवी ने एक ब्यूटी पार्लर भी शुरू किया, जिससे उनकी आमदनी और बढ़ गई। आज उन्होंने अपने दम पर पक्का घर बनवाया है और अपने दोनों बच्चों को पढ़ाई के लिए मुंबई भेजा है।
गांव की महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनी रीता देवी
रीता देवी की सफलता ने गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है। वे अब गांव की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं। आत्मनिर्भर बनने के बाद रीता अब दूसरी महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही हैं।
फतेहपुर जिले में NRLM से जुड़ीं 1.95 लाख से अधिक परिवार
फतेहपुर जिले के उपायुक्त एनआरएलएम (स्वरोजगार) मुकेश कुमार बताते हैं कि जिले में अब तक 18,344 महिला स्वयं सहायता समूह बनाए जा चुके हैं। इन समूहों के माध्यम से करीब 1,95,000 परिवारों को जोड़ा गया है। जागरूक महिलाएं आगे आकर अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं, जिससे आत्मनिर्भरता का यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मशरूम उत्पादन की ओर बढ़ीं रीता देवी और उनकी टीम
रीता देवी अब अपने मत्स्य पालन के कार्य को आगे बढ़ाते हुए 12 अन्य महिलाओं के साथ मिलकर मशरूम उत्पादन का काम शुरू करने जा रही हैं। यह कदम न सिर्फ उनकी आय बढ़ाएगा, बल्कि गांव की और भी महिलाओं को रोजगार का अवसर देगा।


