उत्तर प्रदेश के संभल में रहने वाले एक परिवार को 47 साल बाद न्याय मिला है। 1978 में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान वह सब कुछ छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद दूसरे समाज के कुछ लोगों ने इस पर कब्जा कर लिया था।
मकर संक्रांति पर प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। नागा साधुओं की शोभायात्रा और भक्तों के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं ने सुख, समृद्धि की कामना की।
Prayagraj Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो चुका है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में 40 करोड़ से अधिक लोगों की संभावना है। महाकुंभ का विशेष आकर्षण यहां आने वाले लाखों नागा संन्यासी हैं।
महाकुंभ 2025 में देश-दुनिया से आए तमाम साधु-संतों ने पहले अमृत स्नान में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान ऋषिकेश से आई साध्वी भगवती सरस्वती भी पहुंचीं। 1996 में भारत घूमने आईं भगवती यहां के अध्यात्म से इतनी प्रभावित हुईं कि फिर यहीं बस गईं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में एक आईआईटी स्नातक संन्यासी के रूप में नज़र आए। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद अध्यात्म की ओर रुख करने वाले इस व्यक्ति ने बताया कि वे जीवन का अर्थ खोज रहे हैं।
महाकुंभ 2025 में नागा साधुओं ने अपने अद्भुत करतबों से सबको दंग कर दिया। लाठी भांजने से लेकर पारंपरिक शस्त्र कौशल तक, उनकी युद्ध कला और अनुशासन देखते ही बनता था। अमृत स्नान के लिए निकली शोभायात्रा।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में तमाम साधु-संत और साध्वियां पहुंची हैं। इस दौरान 30 साल की युवती हर्षा रिछारिया का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। हालांकि, हर्षा ने खुद को साध्वी बताए जाने पर कहा-मैं कोई साध्वी नहीं हूं। अभी सनातन को समझ रही हूं।