सार

हाथरस में प्रवक्ता की दो मासूम बेटियों की गला रेतकर हत्या कर दी गई। आश्रय देने वाले रिश्तेदारों ने ही विश्वास की चादर में खंजर छिपा रखा था। दुबई से सुपारी, चंद रुपयों का लालच और नन्हीं जानों पर कहर—इस वारदात की सजा अब मौत है।

Hathras Contract Killing: चार महीने पहले हाथरस में हुए दिल दहला देने वाले दोहरे हत्याकांड में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। भूगोल के प्रवक्ता छोटेलाल गौतम की दो मासूम बेटियों सृष्टि (12) और विधि (6) की बेरहमी से हत्या के दोषियों को फांसी की सजा दी गई है।

रिश्ते के नाम पर मिला आश्रय और उसी ने काट दी सांसें

घटना 22 जनवरी की रात की है जब किशनपुर कपली गांव के विकास और उसके साथी लल्लू ने रिश्तेदार बनकर प्रवक्ता के घर में रात गुजारी। लेकिन चाचा-चाचा कहने वालों ने ही आधी रात को मासूम बच्चियों की गला रेतकर हत्या कर दी।

सुपारी दुबई से, कत्ल भारत में: रोंगटे खड़े कर देने वाला सच

जांच में पता चला कि छोटेलाल के भतीजे सोनेलाल ने दुबई से ही पूरे परिवार की हत्या की सुपारी दी थी। मकसद था संपत्ति पर कब्जा जमाना। इसी षड्यंत्र में विकास और उसके साथी ने इस हृदयविदारक घटना को अंजाम दिया।

कोर्ट का फैसला: 'रिश्तों को कलंकित करने वाला अपराध'

एससीएसटी विशेष न्यायाधीश राम प्रसाद सिंह ने कहा, "अभियुक्तों ने उस भरोसे का कत्ल किया जो समाज में रिश्तों का आधार है।" दोनों को मृत्युदंड के साथ विभिन्न धाराओं में सश्रम कारावास और अर्थदंड भी सुनाया गया।

रात में किया हमला, मां-बाप को भी मारने की थी कोशिश

घटना रात करीब डेढ़ बजे हुई। पहले छोटेलाल पर चाकू से वार किया गया, फिर बेटियों की गर्दन काट दी गई। विरोध करने पर पत्नी वीरांगना पर भी हमला हुआ। लेकिन वह किसी तरह गेट तक पहुंचीं और शोर मचाया, जिससे पड़ोसी जाग गए।

गिरफ्तारी और सजा का सफर

  • घटना: 22 जनवरी 2025 की रात
  • कोर्ट संज्ञान: 25 मार्च 2025
  • आरोप तय: 29 मार्च 2025
  • फैसला सुनाया: 28 मई 2025

क्यों मिली फांसी की सजा?

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि केवल युवावस्था या पुनर्वास की संभावना सजा को कम नहीं कर सकती। चंद रुपयों के लिए अबोध बच्चियों की हत्या करना दुर्लभ से दुर्लभतम अपराध है, जिसका एक ही जवाब है – मृत्युदंड।