Air India crash Ahmedabad: आगरा के नीरज और अपर्णा लंदन में जन्मदिन मनाने जा रहे थे, लेकिन एयर इंडिया के विमान हादसे ने उनकी खुशियों को मातम में बदल दिया। वडोदरा में रहने वाले इस दंपति का परिवार अब गहरे सदमे में है।
Ahmedabad Plane Crash: कभी-कभी जिंदगी की सबसे खूबसूरत योजनाएं किस्मत के आगे बेमानी हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ आगरा के रहने वाले नीरज लवानिया और उनकी पत्नी अपर्णा के साथ, जो अपर्णा के 50वें जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए दिल्ली से लंदन जा रहे थे। लेकिन अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने उनके इस सपने को हमेशा के लिए अधूरा छोड़ दिया।
जन्मदिन का जश्न बना आखिरी सफर
नीरज लवानिया (51) और उनकी पत्नी अपर्णा (50) दिल्ली से लंदन जाने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार हुए थे। सीट नंबर 26 ए और बी पर दर्ज उनके नाम अब हादसे की लिस्ट में दर्ज हो चुके हैं। नीरज अपनी पत्नी के जन्मदिन पर उन्हें एक खास तोहफा देना चाहते थे, लेकिन किसे पता था कि यही सफर उनकी ज़िंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा।
वडोदरा में कर रहे थे नौकरी, परिवार दिल्ली और अकोला में
नीरज लवानिया वडोदरा की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे और वहीं अपने परिवार के साथ रह रहे थे। उनके बड़े भाई दिल्ली में मेडिकल स्टोर चलाते हैं जबकि मंझले भाई सतीश अकोला में स्टेशनरी की दुकान संचालित करते हैं। करीब 15 साल पहले नीरज वडोदरा शिफ्ट हो गए थे और केवल त्योहार या खास मौकों पर ही अकोला आया करते थे।
जैसे ही हादसे की सूचना दिल्ली से आई, जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने नीरज के परिजनों से संपर्क किया। शवों की पहचान के लिए परिवार को डीएनए टेस्ट के लिए अहमदाबाद बुलाया जा सकता है। सांसद राजकुमार चाहर ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया।
बेटी ने दी पुष्टि, मां-बाप इसी फ्लाइट में थे
एसडीएम ने नीरज की बेटी से फोन पर बात की, जो हादसे की जानकारी मिलते ही वडोदरा से अहमदाबाद के अस्पताल पहुंची थी। बेटी ने बताया कि उसे वहां से कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिल पा रही है, लेकिन इतना जरूर बताया कि उसके माता-पिता इसी फ्लाइट से लंदन जा रहे थे।
28 जून को थी वापसी, नीरज को था घूमने का शौक
भाई सतीश ने बताया कि नीरज को घूमने का बेहद शौक था। लंदन में उनके ससुराल वाले रहते हैं और अक्सर वहां उनका आना-जाना लगा रहता था। इस बार भी वे 15 दिन की यात्रा पर निकले थे और 28 जून को वापस लौटना था। सुबह ही नीरज ने कॉल कर कहा था, "अब से 12 घंटे बाद लंदन पहुंच जाएंगे।"
हादसे की खबर जैसे ही अकोला पहुंची, पूरे कस्बे में शोक की लहर फैल गई। नीरज के पैतृक घर पर लोग लगातार पहुंच रहे हैं, परिजनों को सांत्वना देने के लिए। जिन आंखों में जश्न की चमक होनी थी, आज वहीं आंसुओं की नमी है।
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