बिहार चुनाव 2025 के मद्देनजर, भाजपा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने CM नीतीश कुमार से मुलाकात की। बैठक का मुख्य फोकस NDA की चुनावी रणनीति और सीटों का बंटवारा था। इस मुलाकात ने गठबंधन की चुनावी कवायद को तेज कर दिया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य की सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। इसी क्रम में रविवार को केन्द्रीय शिक्षा मंत्री और भाजपा के बिहार प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की। यह बैठक पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी मौजूद रहे।

सीट बंटवारे की कवायद तेज

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस मुलाकात को सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि आगामी चुनावी रणनीति और एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार की राजनीति में सीट शेयरिंग हमेशा से बड़ा पेच रहा है और इस बार भी इसे लेकर अंदरखाने मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि धर्मेन्द्र प्रधान की यह मुलाकात उसी कवायद का हिस्सा है, ताकि गठबंधन में तालमेल बैठाकर चुनावी तैयारी को मजबूती दी जा सके।

बंद कमरे हुई बात

बंद कमरे में बैठक के दौरान किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के फॉर्मूले पर प्राथमिक बातचीत शुरू हो चुकी है। भाजपा संगठन विस्तार और नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी में है, वहीं जदयू मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि और विकास कार्यों को चुनावी हथियार बनाने पर जोर देना चाहती है।

अहम होगी धर्मेन्द्र प्रधान की भूमिका

जानकारों का कहना है कि धर्मेन्द्र प्रधान की भूमिका इस चुनाव में बेहद अहम होगी। 2020 विधानसभा चुनाव में भी वे भाजपा के प्रभारी थे और उस समय एनडीए को शानदार सफलता मिली थी। इस बार भी भाजपा ने उन पर भरोसा जताया है और सीट बंटवारे के साथ-साथ संगठन को मजबूत करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

कई बैठकें होगी

नीतीश कुमार और धर्मेन्द्र प्रधान की यह मुलाकात आगामी दिनों में होने वाली कई अहम बैठकों का संकेत भी देती है। माना जा रहा है कि प्रधान जल्द ही प्रदेश भाजपा नेताओं और जदयू पदाधिकारियों के साथ कई दौर की रणनीतिक बैठकें करेंगे। एनडीए नेतृत्व की कोशिश है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद सार्वजनिक रूप से न उभरे और गठबंधन मजबूती से चुनावी मैदान में उतरे। इस मुलाकात ने साफ कर दिया है कि अब एनडीए चुनावी मोड में पूरी तरह एक्टिव हो चुका है। आने वाले दिनों में सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों की सूची को लेकर तस्वीर और स्पष्ट हो सकती है।