नवरात्रि में मुख्य रूप से देवी भगवती की उपासना की जाती है। देवी भगवती ने असुरों का वध करने के लिए कई अवतार लिए।
वीडियो डेस्क। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। इन्हें ईसर-गौर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है (ईश्वर-गौरी)। यह कुंवारी और विवाहिता स्त्रियों का त्योहार है। इस बार यह पर्व
वीडियो डेस्क। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंती नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 25 मार्च से 2 अप्रैल तक मनाया जाएगा। इन नौ दिनों तक अगर कोई व्यक्ति राशि अनुसार
धर्म ग्रंथों में शंख को देवी महालक्ष्मी का भाई माना गया हैं, क्योंकि दोनों की ही उत्पत्ति समुद्र से हुई थी। यही कारण है कि अनेक ज्योतिष और तंत्र के उपायों में शंख का उपयोग किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में किए गए कुछ विशेष उपायों से धन, नौकरी, स्वास्थ्य, संतान, विवाह, प्रमोशन आदि कई मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
चैत्र शुक्ल द्वितीया से सिंधी नववर्ष का आरंभ होता है। इसे चेटीचंड के नाम से जाना जाता है।
वीडियो डेस्क। मां शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस बार 25 मार्च, बुधवार से शुरू हो रही है, जो 2 अप्रैल, गुरुवार तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा की प्रतिमा तथा घट (कलश) की स्थापना की जाती है।
मां शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस बार 25 मार्च, बुधवार से शुरू हो रही है, जो 2 अप्रैल, गुरुवार तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा की प्रतिमा तथा घट (कलश) की स्थापना की जाती है। इसके बाद ही नवरात्रि उत्सव का प्रारंभ होता है।
वीडियो डेस्क। इस बार चैत्र मास की नवरात्रि 25 मार्च, बुधवार से शुरू हो रही है, जो 2 अप्रैल, गुरुवार तक रहेगी। इन 9 दिनों में देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।
वीडियो डेस्क। इस बार चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ 25 मार्च, बुधवार से हो रहा है। नवरात्रि देवी की पूजा-अर्चना करने का सबसे शुभ और खास समय माना जाता है। इस नौ दिनों में हर कोई देवी की आराधना करता है और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करता है, लेकिन कई लोग अनजाने में कुछ ऐसे काम कर जाते है, जिनसे देवी रूठ जाती हैं।