हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का तीसरा मास ज्येष्ठ मास है। इस बार ज्येष्ठ मास का प्रारंभ 8 मई, शुक्रवार से हो रहा है। इस महीने में सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में होते हैं अर्थात इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अनिवार्य है। जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ स्थान पर होता है, उन लोगों के विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं।
7 मई, गुरुवार को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस तिथि पर ज्योतिष में बताए गए उपाय करने से बड़ी-बड़ी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
भगवान गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा को हुआ था। ये तिथि इस बार 7 मई, गुरुवार को है। इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं।
वैशाख मास की पूर्णिमा पर कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म (कछुए) का अवतार लिया था तथा समुद्र मंथन में सहायता की थी।
पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहे, इसके लिए गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त गरुड़ पुराण अंक के आचारकांड में कुछ खास बातें बताई गई हैं।
धर्म ग्रंथों में वैशाख को सबसे श्रेष्ठ मास बताया गया है। वैशाख मास की पूर्णिमा भी बहुत ही खास होती है। इस बार 7 मई, गुरुवार को वैशाखी पूर्णिमा है।
भारतीय संस्कृति में घर आए मेहमान को भगवान के समान माना गया है। इसीलिए कहा जाता है कि अतिथि देवो भव: यानी अतिथि भगवान के समान है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नृसिंह चतुर्दशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने इसी दिन नृसिंह के रूप में अवतार लिया था। इस बार ये पर्व 6 मई, बुधवार को है।
इस बार 7 मई, गुरुवार को भगवान बुद्ध की जयंती है। गौतम बुद्ध ने अपने प्रवचनों में बताया था कि जीवन को सुखी और सफल कैसे बना सकते हैं।