खुशी और उत्साह का प्रतीक क्रिसमस ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय द्वारा यह त्योहार 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र की रचना की थी। इस ग्रंथ में सुखी और सफल जीवन के लिए नीतियां बताई गई हैं। अगर इन सूत्रों को अपना लिया जाए तो हम कई परेशानियों से बच सकते हैं।
हिंदू धर्म में की जाने पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मंत्रों का असर बहुत प्रभावी होता है। इनके असर से ग्रहों की विपरीत दशा का प्रभाव दूर कर सुख, शांति और सफलता पाई जा सकती है।
विवाह, जन्मदिन या किसी अन्य शुभ अवसर पर उपहार देने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। काफी लोग देवी-देवताओं की मूर्तियां भी उपहार में देते हैं।
पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 22 दिसंबर, रविवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे, साथ ही अच्छे नीतिकार भी थे। शुक्राचार्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।
जब किसी की कुंडली में केतु अशुभ स्थान पर होता है तो उस व्यक्ति के जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं होता। उसे बुरी आदतें लग जाती हैं, जिसके कारण उसके मान-सम्मान में भी कमी आती है और जमा पूंजी का भी नाश होता है।
हर व्यक्ति के लिए नींद उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना भोजन करना। जिस तरह बिना भोजन के शरीर काम नहीं कर सकता है, उसी तरह अगर समय पर नींद न ली जाए तो कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए आयुर्वेद में सभी को पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी गई है।
शास्त्रों में दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जाप करना चाहिए।
न्यूमरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष भी सभी के जीवन को प्रभावित करता है। डेट ऑफ बर्थ के अनुसार हर व्यक्ति का एक लकी नंबर होता है।