सार

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले के बाद क्या ये जंग की शुरुआत है? कानूनी तौर पर देखें तो अभी ये जंग नहीं, बल्कि एक संघर्ष है. जंग का ऐलान कैसे होता है, जानिए पूरी जानकारी.

Operation Sindoor: कश्मीर के पहलगाम में हिंदुओं को निशाना बनाकर हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा है. लेकिन पाकिस्तान तो वही है! वो कहता है कि उसके देश में आतंकी ही नहीं हैं. भारत के लोगों और सेना के ठिकानों पर हमला करके कई जानें ले चुका है. क्या भारत चुप बैठेगा? लेकिन क़ानून और इंसानियत का ध्यान रखना भारतीय सेना की आदत है. इसलिए अब भी ऑपरेशन जारी है, आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के साथ-साथ पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही उड़ा दिया जा रहा है.

ये सब देखकर लगता है कि भारत और पाकिस्तान में जंग शुरू हो गई है. लेकिन असल में ये जंग नहीं है. क़ानून और संविधान के हिसाब से देखें तो ये सिर्फ़ झड़प या संघर्ष है. इसे जंग नहीं कह सकते. क्योंकि दो देशों के बीच जंग का ऐलान करने के कई नियम होते हैं. यहाँ कुछ जानकारी दी गई है.

  
दो देशों के बीच जंग का ऐलान राष्ट्रपति करते हैं. इसके लिए संविधान में कुछ नियम हैं. ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल लगाकर जंग की शुरुआत का ऐलान कर सकते हैं. क्योंकि भारत के संविधान के अनुसार, भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति होते हैं. इसलिए जंग का ऐलान करने का अधिकार उन्हें है. लेकिन राष्ट्रपति अकेले ये फ़ैसला नहीं ले सकते. प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल के सदस्यों से सलाह-मशविरा करके ही ये फ़ैसला लिया जाता है.

इस मंत्रीमंडल की अध्यक्षता उस समय के प्रधानमंत्री करते हैं. साथ ही, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्यों की मंज़ूरी ज़रूरी होती है. इस दौरान क्या-क्या होता है, वो इस प्रकार है. सबसे पहले मंत्रीमंडल राष्ट्रपति को लिखित सिफ़ारिश भेजता है. फिर राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल का ऐलान करते हैं. इस ऐलान को संसद में पेश किया जाता है, जहाँ इसे मंज़ूरी मिलने में एक महीना लग सकता है. संसद की मंज़ूरी के बाद ये 6 महीने तक लागू रहता है और इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इसलिए अभी भारत और पाकिस्तान के बीच जो चल रहा है, वो जंग नहीं है. भले ही वो जंग जैसा दिख रहा हो, लेकिन आधिकारिक तौर पर ये जंग नहीं है. अगर जंग का ऐलान हो गया, तो हालात और भी भयानक हो जाएँगे.