SIP Retirement Plan: कैसे एक मिडिल क्लास जॉब पर्सन ने ने सिर्फ ₹5000 की SIP से 15 साल में ₹1 करोड़ का रिटायरमेंट फंड तैयार कर लिया और सिर्फ 45 साल की उम्र में नौकरी को बाय-बाय बोल दिया। SIP की प्लानिंग सही उम्र में फाइनेंशियल फ्रीडम दे सकता है।

SIP for Early Retirement : 'बस 15 साल और जॉब करनी है फिर रिटायर होकर सुकून से जीना है।' अगर आपका भी यही सपना है , तो ये कहानी आपको एक आइडिया दे सकती है। आज के समय में जहां लोग 60 की उम्र तक नौकरी में फंसे रहते हैं, वहीं कुछ लोग सिर्फ एक स्मार्ट SIP से फाइनेंशियल फ्रीडम (Financial Freedom) हासिल कर रहे हैं, वो भी सिर्फ 45 की उम्र में। जानिए कैसे एक मिडिल क्लास जॉब पर्सन ने 5,000 रुपए की SIP से 15 साल में करोड़ों का फंड तैयार किया और 45 की उम्र में खुद को रिटायर कर लिया।

30 की उम्र में प्लानिंग की शुरुआत

अरविंद (बदला हुआ नाम), बेंगलुरु में एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करते थे। 30 साल की उम्र में जब पहली बार उनकी बेटी का स्कूल खर्च बढ़ा, तो उन्हें एहसास हुआ कि 'अगर मैं ऐसे ही चलता रहा, तो 60 की उम्र तक भी कुछ नहीं बचेगा।' यहीं से उन्होंने एक सिंपल फैसला लिया कि हर महीने 5,000 रुपए की SIP शुरू करनी है और उन्हें 15 साल तक कभी नहीं तोड़ना है।

SIP का प्लान: सिर्फ एक फंड, लेकिन लॉन्ग टर्म नजर

अरविंद ने ज्यादा ऑप्शन के चक्कर में न पड़कर एक Consistent Large Cap Mutual Fund पर फोकस किया। उन्होंने 3 बेसिक नियम बनाए, पहला SIP कभी बंद नहीं करनी है, दूसरा मार्केट गिरे, तब भी कंटिन्यू रखनी है और तीसरी हर साल अगर सैलरी बढ़े, तो SIP भी बढ़ानी है।

15 साल में कैसे बना 1 करोड़ से ज्यादा का फंड

अरविंद ने हर महीने सिर्फ 5,000 रुपए की SIP से निवेश की शुरुआत कर इसमें हर साल 20% का स्टेप-अप यानी इजाफा किया। इस निवेश पर 15 परसेंट का सालाना अनुमानित रिटर्न मिला। इस तरह 15 साल में कुल इन्वेस्ट वैल्यू 43,22,106 रुपए हुई, इस पर अनुमानिति रिटर्न 50,95,536 रुपए का मिला। इस तरह कुल फंड वैल्यू 94,17,643 रुपए यानी करीब 1 करोड़ हो गए।

स्टेप-अप SIP क्या होती है?

Step-up SIP यानी आप अपनी मंछली SIP राशि को हर साल एक फिक्स अमाउंट या परसेंट से बढ़ाते जाते हैं। जैसे पहले साल-5,000 रुपए, फिर दूसरे साल 6,000, तीसरे साल, ₹7,200 रुपए। इस तरह निवेश की रकम साल-दर-साल बढ़ती है और कंपाउंडिंग का प्रॉफिट ज्यादा होता है। इसलिए सैलरी हर साल बढ़ने पर SIP भी बढ़ानी चाहिए। महंगाई को बीट करने के लिए यह सबसे स्मार्ट तरीका माना जाता है। इससे जल्दी फाइनेंशियल फ्रीडम मिलता है।

SIP के साथ ये काम भी किए

अरविंद ने अपनी SIP के साथ-साथ 2 और काम किए। पहला इमरजेंसी फंड बनाया ताकि किसी भी कंडीशन में SIP न टूटे। दूसरा रिटायरमेंट के बाद के लिए SWP (Systematic Withdrawal Plan) चुना, जिससे हर महीने इनकम मिलती रहे।

इससे आप क्या सीख सकते हैं?

  • छोटी शुरुआत, बड़ी प्लानिंग, ₹5000 से शुरू किया, लेकिन साल-दर-साल SIP बढ़ाई।
  • मार्केट से डरें नहीं, गिरावट में भी SIP बंद न करें।
  • सिर्फ एक SIP भी काफी है, अगर आप उसे 15 साल सही तरह से चलाएं।

डिस्क्लेमर: किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले किसी अच्छे एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।