Dheerendra Gopal

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Dheerendra Gopal
धीरेंद्र गोपाल 2007 से पत्रकारिता कर रहे हैं। अमर उजाला से शुरू करने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स और राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टिंग हेड व ब्यूरोचीफ सहित विभिन्न पदों पर रहे। राजनीतिक रिपोर्टिंग, क्राइम व एजुकेशन बीट के अलावा स्पेशल कैंपेन, ग्राउंड रिपोर्टिंग व पॉलिटिकल इंटरव्यू का अनुभव व विशेष रूचि है। डिजिटल मीडिया, प्रिंट और टीवी तीनों फार्मेट में काम करने का डेढ़ दशक का अनुभव। एशियानेट में वर्तमान में EOD देखते हैं।
  • Location:Lucknow, in
  • Area of Expertise:राजनीति, अपराध, एजुकेशन, इन्वेस्टिगेटिव स्टोरीज, सामाजिक मुद्दे
  • Language Spoken:Hindi, English, Bhojpuri
  • Honors and Awards:अमर उजाला, हिंदुस्तान, राजस्थान पत्रिका में बेस्ट रिपोर्टिंग अवार्ड। डिबेट कंपटिशन विजेता
  • Certification:लाइफ साइंस से ग्रेजुएशन के बाद मॉस कम्युनिकेशन में पीजी। रायटर्स डिजिटल जर्नलिज्म ऑनलाइन सर्टिफिकेट।
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न्यू ईयर की रात दिल्ली की सड़क पर चीखती रही युवती, पुलिस को हुए 20 काल no रिस्पांस...पढ़िए हैरान करने वाला सच

Kanjhawala case: दिल्ली में 20 साल की युवती की स्कूटी को टक्कर और उसे 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने की घटना को लेकर दिल्ली की स्पेशल कमिश्नर जांच करेंगी। अमित शाह के निर्देश पर गृहमंत्रालय के हरकत में आने के बाद हाईलेवल कमेटी का दिल्ली पुलिस ने गठन किया है। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो अगर दिल्ली पुलिस ने थोड़ी एक्टिवनेस दिखाई होती तो शायद युवती की जान भी बच जाती और उसी वक्त आरोपी भी पकड़े जाते। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के चश्मदीद एक व्यक्ति दिल्ली पुलिस को कम से कम 20 कॉल इस घटना को लेकर किया है लेकिन कभी कॉल नहीं उठा तो कभी पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। चश्मदीद ने पुलिस को कॉल करने के दौरान काफी दूर तक कार का पीछा भी किया।
 

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दुनिया की सबसे खूंखार प्राइवेट सेना को ऑपरेट करता है राष्ट्रपति पुतिन का पूर्व रसोइया, जाने कैसे होती भर्ती?

World's most dangerous Private army: दुनिया के देशों के पास एक से बड़ी एक ताकतवर सेनाएं हैं लेकिन रूस ऐसा देश है जिसके पास एक खूंखार प्राइवेट आर्मी भी है। यह आर्मी, रूसी सेना के पैरलल है। दुनिया की इस खूंखार आर्मी के जवान यूक्रेन युद्ध में बड़े ही बर्बर तरीके से हिस्सा लिए। हैरत की बात यह कि इस प्राइवेट आर्मी को विभिन्न टुकड़ियों में बांटकर टारगेट दिया गया था। काम पूरा होने के बाद बाकायदा इनको सम्मानित कर वापस सामान्य जीवन में भेजा भी गया। आईए जानते हैं कौन है इस प्राइवेट आर्मी का कर्ताधर्ता और क्यों इसको रूस ने दे रखी है मान्यता...

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