आज (20 सितंबर, मंगलवार) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पूरे दिन रहेगी। मंगलवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने से स्थिर नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
अंक ज्योतिष को न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। वास्तव में अंक ज्योतिष अंकों और ज्योतिष का मेल है। अर्थात अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना ही अंक ज्योतिष कहलाता है।
आज (19 सितंबर, सोमवार) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी और दशमी तिथि का संयोग बन रहा है। सोमवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदण्ड और उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से धूम्र नाम से 2 अशुभ योग इस दिन बनेंगे।
टैरो कार्ड्स में कुल 78 टैरो कार्ड्स होते हैं, इन कार्ड्स को डेक कहा जाता है। कार्ड्स को मेजर आर्काना और माइनर आर्काना में बांटा गया है। आर्काना शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द आर्कान्स से हुई है, जिसका अर्थ है रहस्यमयी व्यक्तिगत विकास।
लव लाइफ यानी प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन अगर थोड़ा भी डिस्टर्ब हो जाए तो इसका असर अन्य सभी कामों पर भी निगेटिव रूप में देखने को मिलता है। इसलिए लव लाइफ का ठीक होना बहुत जरूरी है।
साल 2022 के नौवे महीने सितंबर का तीसरा सप्ताह (19 से 25 सितंबर 2022) तक रहेगा। इन 7 दिनों में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। साथ ही इस दौरान कई ग्रह-नक्षत्रों की चाल भी बदलेगी, जिसका असर सभी लोगों पर दिखाई देगा।
अंक ज्योतिष के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के नेचर और फ्यूचर के बारे में काफी कुछ पता लगाया जा सकता है। अंक ज्योतिष में नवग्रहों जैसे सूर्य, चंद्रमा, गुरु, बुद्ध, शुक्र, यूरेनस, वरुण, मंगल और शनि की विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है।
आज (18 सितंबर, रविवार) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि का संयोग बन रहा है। रविवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग और उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा।
अंक ज्योतिष में अंकों की सहायता से होने वाले भविष्य में घटनाओं का भविष्यवाणी करने का एक विज्ञान है। अंक ज्योतिष के माध्यम से भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जाता है। इसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
आज (17 सितंबर, शनिवार) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन महालक्ष्मी व्रत और विश्वकर्मा पूजा का पर्व मनाया जाएगा। शनिवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स और बाद में मृगशिरा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बनेगा।