इस बार 25 मार्च, बुधवार से हिंदू नववर्ष की शुरूआत हो रही है। इस साल 2077 में प्रमादी नाम का विक्रम संवत रहेगा। इस संवत में सूर्य, चंद्र, बुध, बृहस्पति और शनि ये 5 ग्रह प्रभावशाली रहेंगे।
हिंदू धर्म में किसी भी पर्व, त्योहार या शुभ मुहूर्त में काम करने से पहले ज्योतिषियों द्वारा भद्राकाल के बारे में विचार किया जाता है।
शनिवार को अश्लेषा नक्षत्र होने से मानस नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। शनिवार को त्रयोदशी होने से शनि प्रदोष का शुभ योग भी बन रहा है।
चैत्र मास की शुरूआत रंगों के पर्व होली (धुरेड़ी) से होती है। इस बार धुरेड़ी 10 मार्च, मंगलवार को है। हिंदू धर्म में रंगों को ज्योतिष से भी जोड़ा गया है।
उज्जैन. 6 मार्च, शुक्रवार को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी और द्वादशी तिथि है। इस दिन सूर्योदय पुनर्वसु नक्षत्र में होगा। इसके बाद सुबह लगभग 6.37 के बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा, जो दिन भर रहेगा। शुक्रवार की सुबह पुनर्वसु नक्षत्र होने से लुंबक और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से उत्पात नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। गुरुवार की रात से चंद्रमा के कर्क राशि में आ जाने से शुक्रवार को सभी राशियों पर इसका असर दिखाई देगा। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
ज्योतिष में भविष्य और स्वभाव बताने की कई विद्याएं प्रचलित हैं। इनमें हस्तरेखा भी एक है। हस्तरेखा में हथेली की बनावट, रेखाओं और चिह्नों के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
गुरुवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद पुर्नवसु नक्षत्र के योग से सिद्धि नाम का शुभ योग बन रहा है।
2020 का नया माह मार्च शुरू हो गया है। इस माह में चंद्र के अलावा 4 अन्य ग्रह भी राशि बदलेंगे।
बुधवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से अमृत और उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग बन रहा है।
ज्योतिष में 9 ग्रह माने गए हैं, इनमें से राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इन सभी का असर हमारे जीवन पर पड़ता है।