14 मई, गुरुवार से बुध और सूर्य के बीच की दूरी बढ़ गई, जिससे बुध ग्रह उदय हो गया है। इसके पहले 19 अप्रैल को बुध अस्त हो गया था, जिसके कारण इस ग्रह के शुभ फल नहीं मिल पा रहे थे।
रविवार को पहले पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से चर और उसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से स्थिर नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। रविवार की दोपहर लगभग 3 बजे से सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
पिछले 4 दिनों में ग्रहों की स्थितियों में बदलाव आया है। ऐसा बहुत देखने में आता है कि 4 दिनों के अंतराल में 4 बड़े ग्रहों की स्थितियों बदल जाएं।
उज्जैन. 16 मई, शनिवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा। इसके बाद दोपहर लगभग 12.52 के बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। शनिवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर ये मालूम हो सकता है कि वह कभी अमीर बनेगा या नहीं।
13 मई से 25 जून तक वृष राशि में शुक्र ग्रह वक्री स्थिति में रहेगा, जिसके कारण तुला, वृश्चिक और कुंभ राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
14 मई, गुरुवार की रात से गुरु मकर राशि में वक्री हो जाएगा। 29 जून 2020 तक यानी 46 दिनों तक गुरु इस राशि में ही वक्री रहेगा। उसके बाद वक्री रहते ही यह धनु में चला जाएगा।
15 मई, शुक्रवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। शुक्रवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से धाता और उसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।
14 मई, गुरुवार को सूर्य राशि परिवर्तन कर मेष से वृष में आ जाएगा। इस राशि में 14 सूर्य जून तक रहेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर अलग-अलग दिखाई देगा।