उज्जैन. 21 मई, गुरुवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन भरणी नक्षत्र रहेगा। गुरुवार को भरणी नक्षत्र होने से पद्म नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इस शुभ योग का फायदा कितनी राशियों को मिल पाएगा, जानिए-
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 मई, शुक्रवार को है।
उज्जैन. 20 मई, बुधवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन अश्विनी नक्षत्र रहेगा। बुधवार को अश्विनी नक्षत्र होने से मृत्यु नाम का अशुभ योग इस पूरे दिन बन रहा है। मंगलवार की रात से चंद्रमा राशि बदलकर मीन से मेष में आ चुका है। इस राशि में बदले से ही बुध ग्रह स्थित है। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
22 मई को शनि जयंती है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश कहा गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, जिस पर शनि की टेढ़ी नजर पड़ जाए, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं।
मंगलवार 19 मई को चंद्रमा पर शनि की वक्र दृष्टि पड़ने से विषयोग बन रहा है। वहीं सूर्य-चंद्रमा की स्थिति से आयुष्मान नाम का एक और शुभ योग पूरे दिन रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र में स्वप्न ज्योतिष का भी विशेष महत्व है। सपने हमें आने वाले भविष्य के बारे में पहले से ही संकेत दे देते हैं, ऐसी मान्यता है।
इस बार शनि जयंती शुभ योगों में 22 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस समय शनिदेव स्वयं की राशि मकर में गुरु के साथ स्थित हैं।
ग्रहों की स्थिति के अनुसार अगले 15 दिनों में कई लोगों को नौकरी और बिजनेस में किस्मत का साथ मिल सकता है। लेन-देन और निवेश में भी फायदा हो सकता है।
उज्जैन. 18 मई, सोमवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे अचला एकादशी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होगा। इसके बाद शाम को करीब 5.43 के बाद रेवती नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। सोमवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद और उसके बाद रेवती नक्षत्र के होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
वर्तमान में ग्रहों का दुर्लभ योग बन रहा है। इस योग का असर सभी राशियों पर अलग-अलग रूप में देखने को मिलेगा। 14 मई से गुरु वक्री हो चुका है। इससे पहले शनि और शुक्र भी वक्री स्थिति में हैं। राहु-केतु हमेशा वक्री रहते हैं। इस तरह अब नौ में से पांच ग्रह वक्री हो गए हैं।