7 जून, रविवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। इस दिन पहले मूल नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग बन रहे हैं।
जून 2020 में चंद्र के अलावा तीन ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। शनि, राहु-केतु राशि नहीं बदलेंगे और बुध मार्गी से वक्री होगा। शुक्र वक्री से मार्गी होगा।
जो रेखा अंगूठे के ठीक नीचे शुक्र पर्वत को घेरे रहती है, वही जीवन रेखा कहलाती है। यह रेखा इंडेक्स फिंगर के नीचे स्थित गुरु पर्वत के आसपास से प्रारंभ होकर हथेली के अंत मणिबंध की ओर जाती है।
शनिवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मूसल तथा बाद में मूल नक्षत्र होने से गद नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
समुद्र शास्त्र में शरीर के सभी अंगों के आधार पर भी स्वभाव, आदतें और भविष्य की जानकारी दी गई है।
जून 2020 में सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति का राशि परिवर्तन होगा। 30 जून को गुरु धनु राशि में आ जाएगा, जो कि इस ग्रह की ही राशि है। ये ग्रह इस राशि में 20 नवंबर तक रहेगा।
5 जून, शुक्रवार को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि नाम का एक शुभ योग भी बन रहा है।
इस बार 5 जून, शुक्रवार को मांद्य चंद्रग्रहण होगा। मांद्य चंद्रग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकेंगे।
गुरुवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन विशाखा नक्षत्र होने से प्रवर्ध नाम का शुभ योग बन रहा है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, कई मामलों में पति को पत्नी की किस्मत से धन लाभ और सुख मिलता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार, हर स्त्री के पैर में कुछ खास निशान होते हैं, जो कई तरह के संकेत देते हैं।