जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने सर्वसम्मति से कपड़ों पर जीएसटी में वृद्धि GST Hike) को 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक टालने का निर्णय लिया है। भविष्य के रोडमैप के लिए परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर फिर से चर्चा की जाएगी।
नए साल का इंतजार सभी को है। नई प्लानिंग और बड़ी योजनाओं की उम्मीद है। लेकिन इन उम्मीदों के बीच कुछ बदलाव भी होने हैं, जो आपकी जिंदगी और जेब दोनों पर असर करेंगे। जानें ऐसे कुछ बदलाव, जो एक जनवरी से आपको सीधे प्रभावित करेंगे।
एक जनवरी से सभी फुटवियर (Footwear) पर 12 फीसदी जीएसटी (GST) लगेगा, जबकि रेडीमेड कपड़ों (Readymade Cloths) सहित कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि एएआर (Authority of Advance Ruling) के हालिया फैसले के अनुसार, भर्ती करने वालों की जिम्मेदारी है कि अगर कोई कर्मचारी नोटिस पीरियड को पूरा ना कर नौकरी छोड़ता है तो वो कर्मचारी से वसूली पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (Reverse Charge Mechanism) के माध्यम से जीएसटी (GST) का भुगतान करें।
45वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग (45th GST Council Meet) में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol Diesel Price) को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव को कोरोना काल (Corona Era) रहने तक स्थगित कर दिया है। मतलब साफ है कि कोरोना महामारी के दौर में पेट्रोल और डीजल की कीमत को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा।
अक्टूबर के मुकाबले नवंबर के महीने में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) में इजाफा देखने को मिला है। जोकि 1.31 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। यह कलेक्शन जीएसटी के हिसाब से अब तक दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है।
अक्टूबर-2021 में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection October) 1,30,127 करोड़ रुपए होने को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर(Rajeev Chandrasekhar) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।
अक्टूबर-2021 में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection October) 1,30,127 करोड़ रुपये रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद से ये दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन का आंकड़ा है। ये लगातार चौथा महीना है, जब जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
43वीं जीएसटी परिषद (GST Council) की 28.05.2021 को आयोजित बैठक के बाद, केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वह 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी। इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक के बाद एक आधार पर जारी करेगी।
सितंबर में भारत का निर्यात(export) 21.35% से बढ़कर 33.44% हो गया है। ऐसा इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की वजह से हुआ। वहीं, GST कलेक्शन बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं।