Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच युद्ध जारी है। इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे रोक दिया। खामेनेई अब एक बंकर में छिपे हैं।

Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई सोमवार को चौथे दिन जारी है। इजरायल ईरानी नेतृत्व को खत्म करने के लिए भीषण हवाई हमला कर रहा है। उसके नंबर वन दुश्मन की बात करें तो वह ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई हैं। ईरान में राष्ट्रपति कोई हो, लेकिन असली सत्ता खामेनेई के पास रहती है।

कथित तौर पर इजरायल ने ईरान के साथ चल रहे संघर्ष के दौरान अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की योजना बनाई थी। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विचार को खारिज कर दिया। आइए जानते हैं खामेनेई कौन हैं?

इजरायल ने शुक्रवार को 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के बाद ईरान पर अपना सबसे बड़ा हमला किया था। इसने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख होसैन सलामी, ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई के सीनियर सलाहकार अली शमखानी को मार दिया था। ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं हैं जिनमें कहा गया है कि इजरायल की योजना अयातुल्ला खामेनेई को मारने की थी।

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हस्तक्षेप किया और इस योजना को खारिज कर दिया। ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि खामेनेई की हत्या करना "अच्छा विचार नहीं है"।

अब, एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शुक्रवार के हमले के बाद खामेनेई उत्तर-पूर्वी तेहरान के लाविजान में एक जमीन के नीचे बने बंकर में चले गए। उनके साथ उनके परिवार के लोग हैं, जिसमें उनका बेटा मोजतबा भी शामिल है।

कौन हैं अयातुल्ला अली खामेनेई?

अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान के सर्वोच्य नेता है। सभी बड़े फैसले वही लेते हैं। खामेनेई का जन्म ईरान के धार्मिक केंद्र मशहद में हुआ था। वह सैयद जावेद खामेनेई के दूसरे बेटे हैं। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई मशहद के मदरसों में की। इसके बाद शियाओं के पवित्र शहर कोम चले गए। 1962 में वह शाह मोहम्मद रजा पहलवी के खिलाफ अयातुल्ला खुमैनी के धार्मिक विरोधी आंदोलन में शामिल हो गए।

1960 और 1970 के दशक में उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया, कई साल जेल में बिताए। उन्हें सावक गुप्त पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया गया। जून 1981 में जब वे अबूजर मस्जिद में भाषण दे रहे थे तो टेप रिकॉर्डर में छुपाया गया बम उनके बगल में फट गया, जिससे उनका दाहिना हाथ लकवाग्रस्त हो गया।

1981 में एक राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने और दूसरे की हत्या के बाद खामेनेई को क्रांतिकारी अभिजात वर्ग द्वारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए कहा गया। उन्होंने अधिकतम दो कार्यकाल पूरे किए 1981 से 1989 तक। उनके कार्यकाल के दौरान ईरान-इराक युद्ध छिड़ गया। यह उनके शासनकाल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था।

अयातुल्ला अली खामेनेई कैसे बने ईरान के सर्वोच्च नेता

1989 में अयातुल्ला खोमेनी की मौत हो गई। उनका कोई घोषित उत्तराधिकारी नहीं था। ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्होंने अपनी मौत से कुछ महीने पहले ही अपने उत्तराधिकारी को पद से हटा दिया था। इसके चलते अली खामेनेई को नया सर्वोच्च नेता चुना गया।

ईरान के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं अयातुल्ला अली खामेनेई

इस समय अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई ईरान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं। सेना और सरकार दोनों उनके आदेश पर काम करती हैं। वह ईरान की 12 सदस्यीय संरक्षक परिषद के प्रमुख हैं। इस परिषद के पास चुनावी उम्मीदवारों की जांच करने और संसद में लिए गए फैसलों को वीटो करने का अधिकार है।

ईरान का संविधान उन्हें इस्लामी गणतंत्र ईरान की सामान्य नीतियों को विकसित करने और युद्ध और शांति की घोषणा करने तथा सशस्त्र बलों को संगठित करने का अधिकार भी देता है। वह ईरान की विदेश नीति भी तय करतं हैं। अर्थव्यवस्था पर निर्णय लेते हैं।