Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में मिसाइलें मुख्य हथियार हैं। ईरान के पास मध्य पूर्व का सबसे बड़ा बैलिस्टिक मिसाइल भंडार है, जिससे इज़राइल की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई चल रही है। इजरायल के लड़ाकू विमान ने ईरान के परमाणु, सैन्य व सामरिक ठिकानों पर बमबारी कर रहे हैं। ईरान बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमला कर जवाब दे रहा है।
ईरान के पास है मध्य पूर्व में सबसे बड़ा बैलिस्टिक मिसाइल भंडार
ऐसा माना जाता है कि ईरान के पास मध्य पूर्व में सबसे बड़ा बैलिस्टिक मिसाइल भंडार है। ईरान दशकों से लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल विकसित कर रहा है। इसके पास बड़ी मात्रा में कम दूरी के रॉकेट और हाइपरसोनिक मिसाइल भी हैं। इनमें से ज्यादातर उसने खुद बनाए हैं।
अमेरिकी अनुमान के अनुसार, इजरायल के हालिया हमलों से पहले ईरान के पास लगभग 3000 बैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार था। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख केनेथ मैकेंजी ने मार्च में ईरान के मिसाइल भंडार के बढ़ते आकार के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, "तेहरान की मिसाइलें, उसकी परमाणु क्षमता के साथ मिलकर एक जटिल चुनौती पेश करती हैं।"
क्या हैं बैलिस्टिक मिसाइल?
मिसाइल दो तरह के होते हैं। पहला बैलिस्टिक और दूसरा क्रूज। बैलिस्टिक मिसाइल वो मिसाइल हैं तो अपने टारगेट तक पहुंचने के लिए लगभग तय रास्ता अपनाती हैं। यह लॉन्च होने के बाद ऊपर की ओर उठती हैं। टारगेट के पास पहुंचती हैं फिर नीचे आती हैं। ये बहुत तेज रफ्तार हो सकती हैं। बैलिस्टिक मिसाइल का आकार बहुत बड़ा हो सकता है। परमाणु हमला करने में सक्षम अधिकतर मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल हैं। तेज रफ्तार होने के चलते इन्हें ड्रोन की तुलना में रोकना कठिन है। एक बार में बहुत से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च कर दिए जाते तो वे एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती हैं।
बैलिस्टिक मिसाइल को टारगेट की ओर बढ़ने और ऊंचाई हासिल करने के लिए रॉकेट इंजन से ताकत मिलती है। मिसाइल जब टारगेट के करीब पहुंचता है तो वह जमीन की ओर गोता लगाता है। इस समय इसकी रफ्तार सबसे अधिक होती है।
एएनयू के सामरिक और रक्षा अध्ययन केंद्र के स्टीफन फ्रूहलिंग ने कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल एक बार दागे जाने के बाद एक ट्रैजेक्टरी पर बने रहते हैं। वे पहले से अनुमान लगाए गए पाथ पर उड़ते हैं। बहुत तेजी से आते हैं। इसलिए रोकना अधिक कठिन होता है।
ईरान के पास हैं कौन सी बैलिस्टिक मिसाइलें?
ईरान से इजरायल की दूरी 1000km से अधिक है। इसलिए ईरान से इजरायल पर अटैक करने के लिए जरूरी है कि वह मिसाइल इससे अधिक रेंज वाला हो। ईरान के पास 9 तरह के मिसाइलें हैं जो इजरायल तक पहुंच सकती हैं।
अभी साफ नहीं है कि ईरान ने इजरायल पर अटैक के लिए किन मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। पिछले हमलों में ईरान ने कथित तौर पर इमाद और गदर-1 जैसी मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें और हाइपरसोनिक फत्ताह-1 मिसाइल इस्तेमाल किया था।
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के अनुसार, ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर 2024 में इजरायल पर अपने हमलों में खेबर शेकन मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। खेइबर शेकन मिसाइलों में कंट्रोल विंग और सैटेलाइट नेविगेशन लगे होते हैं। इससे मिसाइल अधिक सटीक हुआ है। ये वायुमंडल के अंदर अपना रास्ता बदल सकते हैं, जिससे उसे मार गिराना मुश्किल है।
पिछले महीने ईरान के रक्षा मंत्री ने कासिम बसीर बैलिस्टिक मिसाइल दुनिया को दिखाई थी। दावा किया था कि यह अमेरिका के पैट्रियट जैसी एयर डिफेंस सिस्टम से बच सकता है।
इजरायल को ईरान के मिसाइल से है कितना डर?
इजरायल दुनिया के सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम इस्तेमाल करने वाला देश है। इसके पास आयरन डोम, डेविड स्लिंग और ऐरो 3 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम है। यह आयरन बीम पर काम कर रहा है। इसके साथ ही अमेरिका ने इजरायल को पैट्रियट और थाड जैसे एयर डिफेंस सिस्टम देकर मदद की। तमाम एयर डिफेंस सिस्टम होने के बाद भी इस बात का अंदेशा जरूर रहता है कि कोई मिसाइल जमीन पर गिर जाए। ईरान द्वारा किए गए हमले में ऐसा हुआ है। इजरायल में तबाही हुई है, लोग मारे गए हैं। इसलिए इजरायल को ईरान के मिसाइलों से डर जरूर है।