इजराइल और ईरान के बीच भीषण लड़ाई से दुनिया चिंतित। अमेरिका के शामिल होने, ईरान के परमाणु कार्यक्रम, खाड़ी देशों पर हमले और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर जैसे 5 बुरे नतीजे हो सकते हैं।

Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई चल रही है। इजरायल ने ईरान के परमाणु व सामरिक ठिकानों और सैन्य नेतृत्व पर हवाई हमला किया है। इसके जवाब में ईरान बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमला कर रहा है। मध्य पूर्व में हाल के वर्षों में हुई सबसे भीषण लड़ाई है। इस जंग के बीच वैश्विक शक्तियां बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय युद्ध के खतरे को लेकर चिंता जता रही हैं। विशेषज्ञों को डर है कि यह लड़ाई दुनिया को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं इस जंग के चलते 5 सबसे खराब क्या स्थिति हो सकती है।

1- लड़ाई में शामिल हो जाए अमेरिका

अमेरिका अभी ईरान द्वारा किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों से इजरायल को बचा रहा है। ईरान का मानना ​​है कि अमेरिका ने 13 जून को इजरायल के हवाई हमलों का मौन समर्थन किया था। पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती है। ईरान ने धमकी दी है कि उसके मिसाइल रोकने पर इजरायल की मदद कर रहे देश के सैन्य ठिकानों पर वह हमला कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि हमला हुआ तो ईरान को तबाह कर देंगे। अगर ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला किया और इससे मौतें हुईं तो अमेरिका इस लड़ाई में कूद सकता है।

2- ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने में फेल हो जाए इजरायल

इजरायल मुख्य रूप से ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर रहा है। हालांकि जानकारों को डर है कि इतना करके भी वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने में नाकाम हो सकता है। ईरान को पहले से पता था कि इजरायल उसके परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है। इसके चलते वह समृद्ध यूरेनियम को जमीन के नीचे बहुत गहराई में छिपा सकता है। ऐसा हुआ तो वैज्ञानिकों को मारने से ईरान की परमाणु विशेषज्ञता खत्म नहीं होगी।

यदि इजरायल के हमले यूरेनियम भंडारों को नष्ट कर देते हैं या फोर्डो जैसी प्रमुख सुविधाओं को बरकरार रखते हैं तो ईरान बम बनाने की होड़ में शामिल हो सकता है।

3- ईरान बना सकता है खाड़ी के देशों को निशाना

अगर ईरान इजरायल पर बड़ा हमला नहीं कर पाता तो वह सऊदी अरब, यूएई या बहरीन में तेल के भंडारों या अमेरिकी एयरबेस जैसे खाड़ी के कमजोर ठिकानों पर हमला कर सकता है। पिछले हमलों से पता चलता है कि वह ऐसा करने में सक्षम है। इससे खाड़ी के देश युद्ध में खींचे चले आएंगे।

4- दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को लग सकता है झटका

लड़ाई शुरू होते ही तेल की कीमतें बढ़ने लगीं हैं। यदि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर होगा। यदि यमन में हौथिस रेड सी शिपिंग लेन पर हमले फिर से शुरू करते हैं तो इसका प्रभाव और भयानक होगा।

कई अर्थव्यवस्थाएं अभी भी महंगाई और कोविड महामारी के बाद की रिकवरी से जूझ रही हैं। एक और तेल झटका आम लोगों के जीने की लागत बढ़ाएगा। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि सीधे रूस को लाभ पहुंचाएगी।

5- ईरान की सत्ता का पतन

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरानी लोगों से कहा कि ये हमले "आपकी स्वतंत्रता प्राप्त करने का मार्ग साफ कर रहे हैं।" अगर इजरायल शासन को ध्वस्त कर देता है तो इसका नतीजा शायद आजादी नहीं बल्कि शून्यता होगी। ईरान को आंतरिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा सद्दाम हुसैन के बाद इराक या गद्दाफी के बाद लीबिया में हुआ था। इस क्षेत्र को वर्षों तक अस्थिरता, कट्टरपंथ और विस्थापन का सामना करना पड़ सकता है।