अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद, ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है और अमेरिका ने अपने ठिकानों की सुरक्षा बढ़ा दी है। अब सवाल यह है कि ईरान कहाँ और कैसे पलटवार करेगा।
Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रही लड़ाई में रविवार को अमेरिका कूद गया। उसने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। पेंटागन ने बताया है कि अमेरिकी स्टील्थ बमवर्षकों ने GBU-57 A/B बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया है। अमेरिका ने फोर्डो, इस्फहान और नतांज के परमाणु केंद्र पर हमला किया।
ईरान ने इस हमले का बदला लेने की बात कही है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने "निर्णायक प्रतिक्रिया" की चेतावनी दी है। इससे मध्य पूर्व में बड़ी लड़ाई छिड़ने की आशंका बढ़ गई है। इस इलाके में अमेरिका के करीब 40,000 से अधिक सैनिक तैनात हैं। ऐसे में सवाल यह नहीं है कि ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा या नहीं, बल्कि यह है कि कहां करेगा। अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने सैन्य बेस की सुरक्षा बढ़ा दी है। अमेरिकी लड़ाकू विमान लगातार गश्त कर रहे हैं।
मध्य पूर्व में स्थिति इन अमेरिकी बेस पर अटैक कर सकता है ईरान
सैन्य विश्लेषकों और खुफिया स्रोतों ने कई हाई वैल्यू वाले अमेरिकी बेस की पहचान की है जिनपर ईरान अटैक कर सकता है। ये ईरान की मिसाइल और ड्रोन की रेंज के भीतर हैं।
- अल उदीद एयर बेस, कतर: मध्य पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है।
- अमेरिकी नौसेना का पांचवां बेड़ा, बहरीन: फारस की खाड़ी के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखता है।
- अल असद एयर बेस, इराक: इस क्षेत्र में सबसे बड़े अमेरिकी ठिकानों में से एक है। यहां 2020 में सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान ने मिसाइलों से हमला किया था।
- हरीर एयर बेस एरबिल, इराक: उत्तरी इराक में अमेरिकी अभियानों के लिए मुख्य केंद्र है।
- अल तनफ गैरीसन, दक्षिणी सीरिया: इराक, सीरिया और जॉर्डन की सीमा के पास है।
- अली अल-सलेम एयर बेस, कुवैत: इराकी सीमा से सिर्फ 20 मील की दूरी पर है।
- अल धफरा एयर बेस, यूएई: एफ-22 रैप्टर और निगरानी ड्रोन यहां तैनात हैं।
सैन्य बेस के अलावा अमेरिकी ठिकाने जिनपर ईरान कर सकता है जवाबी हमला
- कूटनीतिक हमले: इराक, संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल में अमेरिकी दूतावास।
- प्रॉक्सी वारफेयर: हिजबुल्लाह, हौथी और शिया मिलिशिया कई मोर्चों पर सक्रिय हो सकते हैं।
- साइबर हमले: पावर ग्रिड, उपग्रह और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा सकता है।
- होर्मुज जलडमरूमध्य : ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य में जहाजों के आने जाने में बाधा डाल सकता है। इससे दुनिया भर में तेल की कीमतें आसमान छूएंगी।