इटली में सड़क दुर्घटना में नागपुर के होटल व्यवसायी जावेद अख्तर और पत्नी की मौत, बेटी गंभीर। क्या यूरोप यात्रा उनके लिए आखिरी साबित हुई? भारतीय दूतावास सहायता में, हादसे की रहस्यमय परिस्थितियां।
Italy Road Accident Nagpur Businessman: इटली में एक दुखद सड़क हादसे ने नागपुर के होटल व्यवसायी जावेद अख्तर और उनकी पत्नी नादिरा गुलशन की जान ले ली। यह परिवार यूरोप में छुट्टियाँ मना रहा था, जब ग्रोसेटो के पास ऑरेलिया हाईवे पर उनका मिनीबस एक वैन से टकरा गया। इस हादसे में उनकी बेटी आरज़ू अख्तर गंभीर रूप से घायल हुई और उसे सिएना के ली स्कॉट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जावेद अख्तर कौन थे और क्यों थे खास?
55 वर्षीय जावेद अख्तर नागपुर के प्रसिद्ध गुलशन प्लाजा होटल के मालिक और उद्यमी थे। उनकी पत्नी गुलशन 47 वर्ष की थीं। उनके तीन बच्चे आरज़ू, शिफा और जज़ेल उनके साथ यात्रा कर रहे थे। यह परिवार फ्रांस से 22 सितंबर को छुट्टियाँ शुरू करके इटली पहुँचा था। दुर्घटना उस समय हुई, जब वे नौ सीटों वाली मिनीबस में दर्शनीय स्थलों की यात्रा कर रहे थे।
क्या मदद समय पर पहुंची?
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इस हादसे में नागपुर के दंपति सहित तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना एक ट्रक द्वारा क्षतिग्रस्त वैन से टकराने के कारण हुई। मिनीबस चालक और दंपति की तत्काल मौत हो गई। बेटी आरज़ू के सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि शिफ़ा और जज़ेल फ्लोरेंस और ग्रोसेटो के अस्पतालों में भर्ती हैं। जब जज़ेल होश में आया, तो उसने स्थानीय हेल्पलाइन पर मदद मांगी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मदद थोड़ी देर से पहुँची। घायलों को अग्निशमन विभाग की दो टीमों ने वाहन से निकाला और गंभीर हालत के कारण हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल पहुँचाया गया।
भारतीय दूतावास ने क्या किया?
इटली स्थित भारतीय दूतावास ने नागपुर के दंपति की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह परिवार और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। दूतावास ने ट्वीट किया, "दूतावास ग्रोसेटो में हुई दुर्घटना में नागपुर के दो नागरिकों की दुखद मृत्यु पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। हम घायल परिवार के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं और हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।"
सड़क हादसे पर उठ रहे सवाल
यात्रा में सुरक्षा और राहत पर सवाल यह हादसा केवल एक दुखद दुर्घटना नहीं बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या यूरोप यात्रा के दौरान सुरक्षा उपाय पर्याप्त थे? क्या मदद समय पर पहुंची? क्या परिवार की यह यात्रा उनकी आखिरी साबित हुई?
