Hamas ने Trump Gaza Plan के तहत सभी Israeli Hostages रिहा करने पर सहमति जताई, लेकिन शर्त रखी कि युद्ध खत्म हो और गाजा से पूरी वापसी हो। क्या यह Middle East में शांति का नया अध्याय होगा या सिर्फ़ एक और रणनीतिक चाल?

Hamas Hostages Release: मध्य पूर्व की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। हमास (Hamas) ने आखिरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की गाजा शांति योजना पर आंशिक सहमति जताई है। इस सहमति के तहत हमास ने सभी इज़राइली बंधकों (Israeli Hostages)-चाहे वे जिंदा हों या मृत-को रिहा करने का वादा किया है। लेकिन, इसके साथ कुछ बड़ी शर्तें रखी गई हैं, जिनसे इस सौदे पर रहस्य और सस्पेंस और भी गहराता जा रहा है।

Hamas ने Hostages Release पर क्यों झुका?

हमास के समर्थकों ने पहले ही धमकी दी थी कि अगर संगठन ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराया, तो उसके खिलाफ "ऐसा नर्क टूटेगा जैसा पहले कभी नहीं देखा गया"। शायद यही चेतावनी हमास को पीछे हटने पर मजबूर कर गई।

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Trump Gaza Proposal: क्या यह सच में शांति की कुंजी है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को रविवार शाम 6 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। उनका कहना था कि अगर हमास मान नहींता, तो आतंकवादी समूह पर ऐसा हमला होगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ट्रंप ने अपने बयान में साफ कहा कि हमास ने "7 अक्टूबर के नरसंहार" के बाद पूरे मध्य पूर्व को खतरे में डाल दिया है।

Hostages Release के बदले Hamas की क्या शर्तें हैं?

हमास ने साफ किया है कि-

  • बंधकों को तभी छोड़ा जाएगा जब गाजा युद्ध पूरी तरह खत्म होगा।
  • इज़राइली सेना की पूरी तरह वापसी गाजा पट्टी से होगी।
  • गाजा प्रशासन को स्वतंत्र टेक्नोक्रेटों से बनी फिलिस्तीनी संस्था को सौंपा जाएगा।
  • यानी बंधकों की रिहाई सिर्फ मानवीय आधार पर नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक सौदे से जुड़ी है।

क्या Middle East में सच में शांति आने वाली है?

हमास का यह फैसला एक तरफ उम्मीद जगाता है कि शायद Israel-Gaza War खत्म हो सकता है। लेकिन दूसरी तरफ, इसमें इतनी शर्तें जुड़ी हैं कि शांति का रास्ता अभी भी कठिन और रहस्यमय है। सवाल ये भी है कि क्या ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना (Trump 20-Point Peace Plan) फिलिस्तीनी गुटों के बीच एकजुटता ला पाएगी या फिर यह सिर्फ एक कूटनीतिक खेल साबित होगी?

रहस्य और सस्पेंस बना हुआ है…

मध्य पूर्व में शांति की बात करना आसान है, लेकिन दशकों पुराने संघर्ष को खत्म करना आसान नहीं। हमास की ओर से बंधकों की रिहाई की घोषणा जरूर एक बड़ा मोड़ है, लेकिन यह असल में कितनी दूर तक शांति लेकर आएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।