Indian Embassy Dhaka Closure Alert: ढाका में विरोध प्रदर्शन के बीच भारत ने वीज़ा सेंटर फिर खोला, लेकिन शाहबाग में नारे और हिंसा के बीच क्या आम लोग सुरक्षित हैं? जानिए पूरा हाल और भविष्य की रणनीति।

India Bangladesh Visa Center: बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अशांति और भारत विरोधी प्रदर्शनों के बीच भारत ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया है। भारतीय ढाका वीजा सेंटर ( India Dhaka Visa Centre) को शुक्रवार को फिर से खोल दिया गया। यह फैसला ऐसे समय आया है, जब राजधानी ढाका में हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हैं और सड़कों पर तनाव साफ दिख रहा है। भारत का यह कदम उन बांग्लादेशी नागरिकों के लिए राहत बनकर आया है, जो मेडिकल ट्रीटमेंट, परिवार से मिलने या अन्य जरूरी कारणों से भारत की यात्रा करना चाहते हैं। जब भारत के खिलाफ नारे लग रहे हैं, तब वीज़ा सेंटर खोलना क्या सिर्फ मानवीय फैसला है या इसके पीछे कोई बड़ी रणनीति है?

एक दिन में ही क्यों खुल गया ढाका वीज़ा सेंटर?

ढाका में एक दिन पहले ही एंटी इंडिया प्रोटेस्ट बांग्लादेश ( Anti-India Protest Bangladesh) के चलते वीज़ा एप्लीकेशन सेंटर अस्थायी रूप से बंद किया गया था। इसके बावजूद महज़ 24 घंटे के भीतर इसे फिर से खोल देना कई सवाल खड़े करता है। जानकारों का मानना है कि भारत इस फैसले के ज़रिए यह संदेश देना चाहता है कि राजनीतिक तनाव के बावजूद आम लोगों की ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा।

शरीफ उस्मान हादी की मौत से कैसे भड़का बांग्लादेश?

शरीफ उस्मान हादी की मौत (Sharif Usman Hadi Death) के बाद ढाका में हालात तेजी से बिगड़े। हादी एक चर्चित छात्र नेता थे और उनकी मौत के बाद राजधानी सहित कई शहरों में हिंसक विरोध शुरू हो गया। रात भर आगजनी, नारेबाज़ी और तोड़फोड़ की खबरें आती रहीं। हालात इतने बिगड़े कि बांग्लादेश उपद्रव (Bangladesh Violence) को काबू में करने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सड़कों पर उतरना पड़ा।

भारतीय उच्चायोग बंद करने की मांग क्यों उठी?

ढाका यूनिवर्सिटी में निकाले गए शोक जुलूस के दौरान NCP विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश (NCP Protest Bangladesh) के समर्थकों ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा है कि हादी के हमलावर सीमा पार भारत भाग गए। इसी गुस्से में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग बंद करने की मांग कर डाली। शाहबाग इलाके में “भारत का बहिष्कार करो” जैसे नारे खुलेआम लगाए गए।

मुहम्मद यूनुस की अपील के बावजूद क्यों नहीं थमा गुस्सा?

मुहम्मद यूनुस के बयान में (Muhammad Yunus Statement) में मुख्य सलाहकार यूनुस ने साफ कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और देश में शांति बनाए रखना ज़रूरी है। उन्होंने जनता से संयम बरतने की अपील की, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि लोगों का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ है। शुक्रवार की नमाज़ के बाद हिंसा भड़कने की आशंका बनी हुई है।

भारत-बांग्लादेश रिश्तों की क्या ये अग्निपरीक्षा है?

ढाका वीज़ा सेंटर का फिर से खुलना यह दिखाता है कि भारत-बांग्लादेश रिश्तों (India Bangladesh Relations) सिर्फ नारों और विरोध से तय नहीं होते। लेकिन यह भी सच है कि मौजूदा हालात दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक बड़ी परीक्षा हैं। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि हालात काबू में आते हैं या तनाव और गहराता है।