Bangladesh Unrest News: क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र खतरे में है? युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका हिंसा की आग में जल उठा। मीडिया हाउस जले, पत्रकार अंदर फंसे और एक रिपोर्टर की चीख-“तुम मुझे मार रहे हो” ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया।
Bangladesh Violence Update: बांग्लादेश में शुक्रवार तड़के राजधानी ढाका की सड़कों पर हिंसा फैल गई, जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के घर और प्रमुख मीडिया हाउसों पर हमला किया गया। इस उथल-पुथल की शुरुआत हुई 32 वर्षीय युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद। हादी, जो इंकलाब मंच प्लेटफॉर्म के प्रमुख प्रवक्ता थे, चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने सिर में गोली मारकर घायल किया। छह दिन लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद उनकी मौत हुई।
मीडिया पर हमला क्यों हुआ?
हादी की मौत के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर आरोप लगाया कि अखबार भारत के साथ मिलीभगत में शामिल हैं। इस हमले के दौरान कई पत्रकार भवनों के अंदर फंस गए। डेली स्टार की रिपोर्टर ज़ायमा इस्लाम ने फेसबुक पर लाइव संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा, “अब मैं सांस नहीं ले पा रही हूं। बहुत ज़्यादा धुआं है। मैं अंदर हूं। तुम मुझे मार रहे हो।” यह संदेश दर्शाता है कि स्थिति कितनी खतरनाक और भयावह थी।
आग और फंसे कर्मचारी
अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि डेली स्टार भवन में लगी आग पर सुबह करीब 1.40 बजे नियंत्रण पाया गया। हालांकि उस समय भवन के अंदर 27 कर्मचारी फंसे हुए थे। कर्मचारी इमारत के पिछले हिस्से में शरण लेकर बाहर प्रदर्शनकारियों के नारे सुन रहे थे।
शरीफ उस्मान हादी कौन थे?
32 वर्षीय हादी, इंकलाब मंच प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता और बांग्लादेश के आगामी राष्ट्रीय चुनावों के उम्मीदवार थे। 12 दिसंबर को चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मार दी। उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल में और फिर बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया। छह दिन लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद हादी की मौत हो गई।
देशभर में फैल गया विरोध
हादी की मौत के बाद ढाका, चटगांव, राजशाही और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन फैल गए। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं और निजी घरों पर भी हमला किया। विरोध प्रदर्शनों में हादी के नाम के नारे लगाए गए और प्रदर्शनकारियों ने जवाबदेही की मांग की।
यूनुस सरकार की प्रतिक्रिया
यह अशांति अगस्त 2024 में शेख हसीना के भारत जाने के बाद बढ़ी राजनीतिक अस्थिरता के बीच हुई। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व संभाला। हादी की मौत के बाद यूनुस ने इसे “राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति” बताया। सरकार ने विशेष प्रार्थनाओं की घोषणा की और शनिवार को शोक दिवस घोषित किया।
हमलावरों की तलाश
अधिकारियों ने हादी के हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बल पूरे ढाका में तैनात किए गए हैं। हालांकि राजधानी के कई इलाकों में देर रात तक तनाव बना रहा। क्या बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा बढ़ती रहेगी? मीडिया की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? और हादी की हत्या के पीछे कौन जिम्मेदार है? ये सभी सवाल अभी भी अनसुलझे हैं।


