सार

Elon Musk Exit From Doge: एलन मस्क ने ट्रंप सरकार से अलग होने का फैसला किया है। 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को लेकर दोनों के बीच मतभेद की खबरें हैं। क्या DOGE विभाग से जुड़ा है ये विवाद?

Elon Musk: अमेरिका के अरबपति कारोबारी एलन मस्क राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार से अलग हो गए हैं। वह ट्रंप के महत्वाकांक्षी विभाग DOGE का नेतृत्व कर रहे थे। मस्क ट्रंप द्वारा लाए गए एक विधेयक से नाराज थे। माना जा रहा है कि इसी वजह से उन्होंने सरकार से अलग होने का फैसला किया।

ट्रंप प्रशासन से अलग होने की आधिकारिक घोषणा से एक दिन पहले मस्क ने कहा था, "यह बड़ा और सुंदर हो सकता है, लेकिन दोनों नहीं।" माना जा रहा है कि मस्क ने ये बातें ट्रंप के 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' के बारे में कहीं। इस बिल में "अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी कर कटौती और सुधार" का प्रस्ताव है।

वन बिग ब्यूटीफुल बिल का समर्थन नहीं कर रहे एलन मस्क

एलन मस्क एक चौंकाने वाला रुख अपनाते हुए इस बिल का समर्थन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसकी आलोचना की है। इस विधेयक में टैक्स कटौती और इमिग्रेशन रोकने के लिए सख्त इंतजाम शामिल है। मस्क ने कहा कि वह राष्ट्रपति द्वारा कहे गए "बड़े सुंदर विधेयक" से निराश हैं। यह विधेयक DOGE (सरकारी दक्षता विभाग) के काम कमजोर करता है। CBS को दिए इंटरव्यू में मस्क ने कहा, "मुझे लगता है कि एक विधेयक बड़ा भी हो सकता है और सुंदर भी। लेकिन मुझे नहीं पता कि यह दोनों हो सकता है या नहीं।"

मुश्किल से पास हुआ ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल'

ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' सदन में मुश्किल से पास हुआ। इसके पक्ष में 17 और विरोध में 16 वोट पड़े। कंजर्वेटिव ने चेतावनी दी कि वे अधिक कटौती के लिए बिल रोक देंगे। दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स ने दावा किया था कि अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो लाखों लोग अपना स्वास्थ्य कवरेज और खाद्य टिकट सहायता खो देंगे। सबसे अमीर अमेरिकी भारी कर कटौती का लाभ उठाएंगे। विधेयक में स्वास्थ्य देखभाल और खाद्य सहायता कार्यक्रमों से 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की कटौती का प्रस्ताव है।

नए विधेयक से अप्रवासिय प्रभावित हुए हैं। इसमें यूएस-मेक्सिको सीमा पर ट्रंप की दीवार के निर्माण को पुनर्जीवित करने के लिए 46.5 बिलियन डॉलर और उनके निर्वासन एजेंडे के लिए 350 बिलियन डॉलर की राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा, बिल में गैर-अमेरिकी नागरिकों द्वारा किए जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण पर 5 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव है, जिसमें गैर-आप्रवासी वीजा धारक (जैसे एच-1बी) और ग्रीन कार्ड धारक शामिल हैं।