एक वर्ष बाद भी नहीं हो सका जिले के 193 आंगनबाड़ी केंद्रों का सौंदर्यीकरण, सिर्फ कागज पर ही दिख रहा विकास

सहारनपुर में 193 आंगनबाड़ी केंद्र की स्थित बहुत ही खराब हो चुकी है। आंगनबाड़ी केंद्रों का सौदर्यीकरण एक वर्ष बाद भी नहीं हो सका है। इन केंद्रों को ग्राम पंचायत निधि व मनरेगा के तहत नए भवन बनाए जाने थे। सिर्फ कागजों में ही विकास दिख रहा है, लेकिन जमीन पर हालत बेहद नाजुक है।
 

Asianet News Hindi | Updated : Mar 23 2022, 07:05 PM
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सहारनपुर: जिले में पूरी तरह जर्जर हो चुके 193 आंगनबाड़ी केंद्रों का सौदर्यीकरण एक वर्ष बाद भी नहीं हो सका है। इन केंद्रों को ग्राम पंचायत निधि व मनरेगा के तहत नए भवन बनाए जाने थे। सिर्फ कागजों में ही रूपरेखा तैयार की गई, लेकिन धरातल पर हालत जस की तस है। ऐसे में बाल एवं पुष्टाहार विभाग किराए और ग्राम पंचायतों में खाली पड़ी जगहों से केंद्र संचालित कर रहा है। जर्जर केंद्रों की हालत में सुधार के लिए एक वर्ष पूर्व पंचायत राज विभाग और मनरेगा के तहत कार्य कराए जाने की रूपरेखा तैयार की गई, लेकिन सिर्फ कागजों में ही योजना दम तोड़ गई और केंद्रों पर कोई काम नहीं हुआ है

विभिन्न क्षेत्रों में विकास खंड है जर्जर अवस्था में
आशा त्रिपाठी ने कहा कि जनपद में जो विभागीय हॉल है, सरकार की प्राथमिकता है कि सारे आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय हॉल में चले। जिनका 10 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। ऐसे कई भवन विभिन्न क्षेत्रों में कई विकास खंड जर्जर अवस्था में है। किसी की खिड़की टूटी तो किसी के दरवाजे टूटे हुए। वहां पर बच्चों को बैठाने में खतरा है। सरकार ने यह निर्देश दिए हैं कि कायाकल्प योजना के तहत जिला पंचायती राज्य कल्याणी अधिकारी के माध्यम से जितने भी सरकारी भवन है उनको सही करा लिया जाए। कायाकल्प होने के बाद जब यह भवन ठीक हो जाए तभी उनमें आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित किया जाए।

धनराशि प्राप्त होते ही केंद्रो को ठीक कराया जाएगा
ऐसे ही 193 भवन जनपद में है जो जर्जर अवस्था में है। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किसी भी दिशा में किया नही जा सकता। यह सारी सूची हमने पंचायती राज विभाग में दे दी है। जिला पंचायती राज कल्याणी अधिकारी ने यह बताया है कि जैसे ही धनराशि प्राप्त होती है। हमारी प्राथमिकता रहेगी की आंगनवाड़ी केंद्रों को ठीक कराया जाए।

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