अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे मौलाना अरशद मदनी, अदालत के फैसले को बताया अविश्वसनीय

जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने विशेष अदालत के फैसले को ‘अविश्वसनीय’ बताया है। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। मौलाना अरशद मदनी दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार मदनी ने कहा है कि जिनको सजा सुनाई गई है उनकी हाईकोर्ट में परैवी देश के नामी वकील करेंगे। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात उन्होंने कही है।

Asianet News Hindi | Updated : Feb 19 2022, 12:05 PM
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सहारनपुर: अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में विशेष अदालत ने 18 फरवरी 2022 को 38 आतंकियों को फाँसी की सजा सुनाई। साथ ही 11 को आजीवन कारवास की सजा सुनाई गई थी। इन आतंकियों के बचाव में जमीयत उलेमा-ए-हिंद आगे आया है। उसने इनके लिए उच्च अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है। वहीं ब्लास्ट के मास्टरमाइंड सफदर नागौरी ने संविधान की जगह कुरान को तरजीह देने की बात कही है। नागौरी को भी फाँसी की सजा सुनाई गई है और फिलहाल वह भोपाल सेंट्रल जेल में बंद है।

जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने विशेष अदालत के फैसले को ‘अविश्वसनीय’ बताया है। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। मौलाना अरशद मदनी दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार मदनी ने कहा है कि जिनको सजा सुनाई गई है उनकी हाईकोर्ट में परैवी देश के नामी वकील करेंगे। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात उन्होंने कही है।

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