जेल की सलाखों ने अपराधी को बनाया चित्रकार, कलाकारी से रंग दी जेल की दीवारें, देखें वीडियो
मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले अंकुर सिंह की जो कि लखनऊ में मर्डर केस के सिलसिले में पहले लखनऊ जेल गया। जिसके बाद जब अंकुर की बैरक से मोबाइल पाया गया तो उसे उन्नाव जेल में भेज दिया गया वहां भी अंकुर की खुराफात कम नहीं हुई जिसके बाद अंकुर को मेरठ जिला कारागार में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। ऐसे में जब परेड के दिन जब जेल अधीक्षक अंकुर के हाई सिक्योरिटी बैरक में इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे तो बैरक में अंकुर ने दीवार पर भगवान श्री कृष्ण की पेंटिंग बना रखी थी और पेंटिंग जेल अधीक्षक को बहुत ही पसंद आई।
अनमोल शर्मा
मेरठ: अपराध कर के जेल में कैद हुआ,चित्रकारी से बयान कर रहा है जज़्बात। आमतौर पर जेल का नाम सुनते ही लोगों को खौफनाक मंजर दिखाई देता है। आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि मेरठ जिला कारागार में हत्या जैसे जघन्य अपराध में उमर कैद की सजा काट रहा है और अब वह एक अच्छा और साफ-सुथरी छवि वाला इंसान बनने की राह पर है। जेल की चार दिवारी में परिवार से दूर होने के दुख ने गौरव प्रताप सिंह उर्फ अंकुर को चित्रकार बना दिया है। अपनी कलाकारी से अंकुर ने जेल की दीवारें खूबसूरत बना दी है।
मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले अंकुर सिंह की जो कि लखनऊ में मर्डर केस के सिलसिले में पहले लखनऊ जेल गया। जिसके बाद जब अंकुर की बैरक से मोबाइल पाया गया तो उसे उन्नाव जेल में भेज दिया गया वहां भी अंकुर की खुराफात कम नहीं हुई जिसके बाद अंकुर को मेरठ जिला कारागार में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। ऐसे में जब परेड के दिन जब जेल अधीक्षक अंकुर के हाई सिक्योरिटी बैरक में इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे तो बैरक में अंकुर ने दीवार पर भगवान श्री कृष्ण की पेंटिंग बना रखी थी और पेंटिंग जेल अधीक्षक को बहुत ही पसंद आई। जिसके बाद जेल अधीक्षक ने बंदी अंकुर को पेंटिंग करने के लिए प्रेरित किया और पेंटिंग के लिए अंकुर को सारा सामान मुहैया कराया। जिसके बाद जेल अधीक्षक राकेश कुमार से प्रेरित होकर अंकुर ने अपने अंदर के कलाकार को जगाते हुए कैनवस और वॉल पेंटिंग शुरू कर दी।
अंकुर के पेंटिंग कलेक्शन में भगवान के चित्र है सहित प्रकृति से जुड़े हुई तस्वीरें शामिल है, जिसमे अंकुर ने अपनी प्रेम कहानी को दर्शाया है। अब तक अंकुर ने 40 वॉल पेंटिंग्स और 250 से ज्यादा कैनवस पेंटिंग बनाई है। अंकुर की पेंटिंग्स देखकर लगता है कि मानो यह तस्वीर नहीं बल्कि सामने कोई लाइव दृश्य है। अंकुर की माने तो सबसे पहला चित्र अंकुर ने अपनी पत्नी से वियोग का बनाया। जिसके बाद अंकुर ने अन्य पेंटिंग्स बनाई।
यही नहीं अंकुर अब जल्दी ही चित्र के रूप में जेल में उसकी दशा को भी दर्शाएगा ताकि जो लोग जुर्म की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं वह भी जान सके की जुर्म करने वाला का क्या अंजाम होता है। वही जेल अधीक्षक राकेश कुमार के माने तो जेल अब प्रताड़ित करने की जगह नहीं बल्कि सुधार ग्रह है जहां बंदियों को सही राह दिखाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही बिल्लियों को उनकी उनके स्किल्स के हिसाब से अलग-अलग ट्रेनिंग भी दी जा रही है।