ज्ञानवापी मामले में अदालत में पूरी हुई सुनवाई, मुस्लिम पक्ष की इस मांग के बाद बढ़ सकता है विवाद

मुस्लिम पक्ष ने आज की सुनवाई में जोर देते हुए जिला जज की अदालत में कहा कि यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है और उसे खारिज कर दिया जाए। इसके बाद हिन्दू पक्ष ने अपनी बहस शुरू की। कहा कि नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती है। हमारा मुकदमा सुनवाई योग्य है। ज्ञानवापी प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है। 

Hemendra Tripathi | Updated : Jul 12 2022, 07:14 PM
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी  मामले में मुकदमे की पोषणीयता पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी बहस पूरी की और कानूनी नजीरें  भी पेश की हैं। मुस्लिम पक्ष ने जिला जज  की अदालत में कहा कि ज्ञानवापी मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट  (स्पेशल प्रॉविजंस), 1991 लागू होता है। मतलब 1947 में आजादी के समय धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। मुस्लिम पक्ष ने एक बार फिर जोर देते हुए जिला जज की अदालत में कहा कि यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है और उसे खारिज कर दिया जाए। इसके बाद हिन्दू पक्ष ने अपनी बहस शुरू की। कहा कि नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती है। हमारा मुकदमा सुनवाई योग्य है। ज्ञानवापी प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है। दलीलों को सुनने के बाद जिला जज की कोर्ट ने कहा कि आगे की सुनवाई बुधवार की दोपहर बजे से होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेशों के अनुपालन में अब हर दिन इस मामले में सुनवाई होगी।

Related Video