ये हैं हठयोगी बाबा...जो ठान लेते हैं वहीं करते हैं, अपने सिर पर ही कर डाली जौ की खेती

प्रयागराज में चल रहे माघमेले में यहां साधू संतों का डेरा लगा हुआ है। वहीं श्रृद्धालु और साधु संत यहां पर कल्पवास कर रहे हैं। इस मेले एक ऐसे बाबा हैं जिन्होंने अपने सिर पर जौ की खेती की है। ग्रहण से शुरू की ये खेती अमावस्या तक चलेगी। 

| Updated : Jan 17 2020, 12:34 PM
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वीडियो डेस्क। प्रयागराज में चल रहे माघमेले में यहां साधू संतों का डेरा लगा हुआ है। वहीं श्रृद्धालु और साधु संत यहां पर कल्पवास कर रहे हैं। इस मेले एक ऐसे बाबा हैं जिन्होंने अपने सिर पर जौ की खेती की है। ग्रहण से शुरू की ये खेती अमावस्या तक चलेगी। जिसके बाद इन जौ को अपने सिर से उतारकर गंगा में मछलियों के लिए प्रवाहित कर देंगे। सोनभद्र के मारकुंडी नामक स्थान से ये बाबा आए हैं। इन्हें हठयोगी बाबा कहा जाता है। वहीं इन बाबा का कहना है कि एक बार उनको सांप ने काट लिया था। जिसके बाद गुस्से में इन बाबा ने सांप को काटा और सांप मर गया। तभी से सन्यास ले लिया।

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