अगर चीन को देनी है मात, तो हमें भी देना होगा सेना और सरकार का साथ

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर धोखे से वार करके चीन ने अपने दुश्मन होने का परिचय दे दिया है। विस्तारवादी निरंकुश नीतियों के बूते वह अपने खिलाफ पनप रहे वैश्विक और घरेलू असंतोष का ध्यान भले ही भटकाना चाह रहा हो, लेकिन इस बार उसका पाला ऐसे भारत से पड़ा है, जो मजबूत है, सक्षम है और निर्णायक है। 1962 की बात पुरानी हो चुकी है। धोखेबाज चीन के उत्पादों को नकारकर हम उसकी आर्थिक कमर तोड़ सकते हैं।

amal chowdhury | Updated : Jun 23 2020, 03:47 PM
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गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर धोखे से वार करके चीन ने अपने दुश्मन होने का परिचय दे दिया है। विस्तारवादी निरंकुश नीतियों के बूते वह अपने खिलाफ पनप रहे वैश्विक और घरेलू असंतोष का ध्यान भले ही भटकाना चाह रहा हो, लेकिन इस बार उसका पाला ऐसे भारत से पड़ा है, जो मजबूत है, सक्षम है और निर्णायक है। 1962 की बात पुरानी हो चुकी है। धोखेबाज चीन के उत्पादों को नकारकर हम उसकी आर्थिक कमर तोड़ सकते हैं।

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