एक स्टार्टअप कंपनी ने अचानक वीडियो मीटिंग बुलाकर सभी 19 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और कंपनी बंद कर दी। कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के यह झटका लगा, जिससे वे सदमे में हैं।
नई दिल्ली: बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की छंटनी के बीच, एक स्टार्टअप कंपनी की छंटनी चर्चा का विषय बन गई है। स्टार्टअप के मालिक ने अचानक मीटिंग बुलाई और कहा कि उन्हें एक ज़रूरी बात बतानी है। उन्होंने बताया कि कंपनी में पैसे नहीं हैं और सभी 19 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। मीटिंग की शुरुआत में ही यह घोषणा करके उन्होंने सबको चौंका दिया। स्टार्टअप कंपनी का यह कदम लोगों के गुस्से और बहस का कारण बना है।
अचानक बंद हुई कंपनी
बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के, कंपनी ने एक वीडियो कॉल में ही सभी 19 कर्मचारियों को निकाल दिया और कंपनी बंद कर दी। एक कर्मचारी ने रेडिट पर पोस्ट करके इस घटना के बारे में बताया। चार साल से चल रही स्टार्टअप कंपनी के अचानक बंद होने और सभी 19 कर्मचारियों को निकाल दिए जाने पर कर्मचारियों ने अपना दुख व्यक्त किया।
आपातकालीन वीडियो मीटिंग का ईमेल
उस दिन सभी कर्मचारी हमेशा की तरह ऑफिस गए और काम शुरू किया। सब कुछ सामान्य चल रहा था। अचानक, कंपनी के CEO का एक ईमेल सभी कर्मचारियों के पास आया, जिसमें एक आपातकालीन वीडियो मीटिंग के लिए बुलाया गया था। ईमेल में मीटिंग का लिंक भी था। इस तरह की मीटिंग पहले कभी नहीं हुई थी। टीम लीडर और मैनेजर रोज़ाना या साप्ताहिक मीटिंग करते थे, लेकिन CEO द्वारा अचानक आधे घंटे में मीटिंग बुलाने पर सभी कर्मचारी हैरान थे।
कर्मचारी कंपनी के विस्तार या नए उद्यम में जाने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे थे। तभी मीटिंग शुरू हुई। सभी अच्छी खबर की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन CEO की बातों ने उन्हें झटका दे दिया। CEO ने बताया कि कंपनी घाटे में चल रही है, इस महीने वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, और कंपनी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, इसलिए छंटनी की जा रही है।
सभी 19 कर्मचारी बेरोज़गार
CEO की बात सुनकर कर्मचारियों ने अपने काम के बारे में सोचा। कुछ को लग रहा था कि वे सुरक्षित हैं, जबकि कुछ चिंतित थे कि किसे निकाला जाएगा। CEO ने बताया कि कंपनी में कुल 19 कर्मचारी हैं और घाटे के कारण स्टार्टअप बंद हो रहा है। इस तरह, एक वीडियो कॉल में ही सभी 19 कर्मचारी बेरोज़गार हो गए।
बिना किसी सूचना के कंपनी बंद
कंपनी की आर्थिक समस्याओं के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी। कंपनी ने कोई सूचना नहीं दी थी। कर्मचारियों ने रेडिट पर सवाल उठाया कि अगर कंपनी को घाटा हो रहा था, तो पहले ही बता देते, तो वे दूसरी नौकरी ढूंढ लेते। अब अचानक कंपनी बंद होने से उन्हें क्या करना चाहिए? उनके प्रोफाइल में एक बंद कंपनी का अनुभव कैसे दिखेगा? उन्हें नई नौकरी कौन देगा?
CEO ने नौकरी ढूंढने में मदद करने का वादा किया, लेकिन कर्मचारियों ने सवाल उठाया कि CEO कितने लोगों की मदद कर पाएंगे? एक या दो, ज़्यादा से ज़्यादा पांच। बाकी लोग बेरोज़गार रह जाएंगे।