स्मार्टफोन, कार, लैपटॉप, टीवी, हेल्थ डिवाइसेज़, बैंकिंग सिस्टम और यहां तक कि स्पेस टेक्नोलॉजी, सभी में सेमीकंडक्टर की जरूरत है। यह एक ऐसा मटेरियल है जो हर डिजिटल डिवाइस की ब्रेन की तरह काम करता है। जानिए इसका यूज आपकी डेली लाइफ में कहां-कहां होता है?
Semiconductor : सेमीकंडक्टर सिर्फ एक टेक्निकल शब्द नहीं, बल्कि आधुनिक दुनिया का दिल है। आपके स्मार्टफोन से लेकर आपकी गाड़ी, वॉशिंग मशीन, टीवी, लैपटॉप, यहां तक कि आपके ATM कार्ड की चिप, सब में ये मौजूद है। इसकी जरूरत सिर्फ टेक्नोलॉजी ही नहीं, बल्कि रणनीतिक जरूरत बन चुकी है। इसे समझते हुए भारत सरकार ने 'Semicon India Programme' को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें कुल ₹76,000 करोड़ का निवेश किया गया है। इस प्रोग्राम का मकसद देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का एक मजबूत ईकोसिस्टम बनाना है। इस आर्टिकल में जानिए सेमीकंडक्टर आखिर क्या होता है, आपकी डेली लाइफ में किन-किन कामों में यूज होता है और भारत के लिए यह इतना क्यों जरूरी है?
भारत के लिए क्यों जरूरी है सेमीकंडक्टर?
दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार की ओर से बताया कि देश में सेमीकंडक्टर इंपोर्ट 2023-24 में 18.5% बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए कहा, वित्त वर्ष 2023-24 में 18.43 अरब सेमीकंडक्टर चिप इंपोर्ट किया गया। हाल ही में आई फाइनेंस कंपनी UBS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इंडिया की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री साल 2025 तक 54 बिलियन डॉलर और 2030 तक 108 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट हर साल 15% की दर(CAGR) से बढ़ेगा। इससे समझा जा सकता है कि खुद की मैन्युफैक्चरिंग से भारत को डिजिटल आत्मनिर्भरता मिलेगी, क्योंकि मोबाइल से लेकर मिसाइल तक, हर इंडस्ट्री को सेमीकंडक्टर चाहिए।
सेमीकंडक्टर होता क्या है?
सेमीकंडक्टर एक ऐसा मटेरियल होता है (जैसे सिलिकॉन), जो ना पूरी तरह करंट रोकता है, ना ही उसे पूरी तरह पास होने देता है। यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में करंट को स्मार्टली कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल होता है। आसान भाषा में कहें तो हर वो चीज जो दिमाग से चलती है, उसमें सेमीकंडक्टर जरूर होता है।
सेमीकंडक्टर कहां-कहां यूज होता है?
1. स्मार्टफोन और टैबलेट
हर स्मार्टफोन में माइक्रोप्रोसेसर, RAM, स्टोरेज चिप, बैटरी कंट्रोलर सब सेमीकंडक्टर बेस्ड होते हैं कैमरा ऑटोफोकस से लेकर स्क्रीन टच रिस्पॉन्स तक सबकुछ चिप्स से कंट्रोल होता है। 1 फोन में लगभग 1000 से ज्यादा चिप्स होते हैं!
2. ऑटोमोबाइल (कार, बाइक, ईवी)
आज की कारें ड्राइविंग कंप्यूटर बन चुकी हैं। हर ABS ब्रेकिंग, एयरबैग, बैटरी मैनेजमेंट, इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) चिप्स से चलता है। EVs (Electric Vehicles) में तो चिप्स की जरूरत 10 गुना ज्यादा है। एक EV कार में 3000+ सेमीकंडक्टर चिप्स होती हैं।
3. लैपटॉप और कंप्यूटर
प्रोसेसर, ग्राफिक्स कार्ड, मदरबोर्ड, SSD सब सेमीकंडक्टर पर निर्भर हैं। बिना सेमीकंडक्टर, कंप्यूटर सिर्फ एक डिब्बा है और आपका लैपटॉप भी किसी काम का नहीं है।
4. TV, स्मार्ट होम डिवाइसेज
स्मार्ट टीवी, एलेक्सा, स्मार्ट बल्ब, एसी, फ्रिज जो भी स्मार्ट डिवाइस हैं, वो सेमीकंडक्टर से पावर्ड हैं। चिप्स ही उन्हें इन्टरनेट से कनेक्टेड और यूज़र-फ्रेंडली बनाते हैं।
5. हेल्थ डिवाइसेज
ECG मशीन, डिजिटल BP मशीन, ऑक्सीमीटर, MRI मशीन, सब में सेमीकंडक्टर सर्किट्स होते हैं हेल्थ टेक्नोलॉजी का भरोसा सेमीकंडक्टर पर है
6. फाइनेंस और बैंकिंग
ATM कार्ड, POS मशीन, बायोमेट्रिक स्कैनर सबकी 'स्मार्टनेस' चिप्स से आती है। फिनटेक ऐप्स के सर्वर से लेकर सिक्योर ट्रांजैक्शन तक सेमीकंडक्टर हर जगह हैं।
7. स्पेस, डिफेंस और सैटेलाइट्स
ISRO, DRDO जैसी एजेंसियां हाई-स्पीड, रेडिएशन-प्रूफ चिप्स का इस्तेमाल करती हैं। बिना सेमीकंडक्टर के कोई भी रॉकेट या ड्रोन ऑपरेट ही नहीं कर सकता है।