भारत-पाकिस्तान के मौजूदा तनाव के बीच भारत सरकार ने एक बार फिर कुछ पाकिस्तानी सेलिब्रिटीज़ के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बैन लगा दिया है। फवाद खान, माहिरा खान, शाहिद अफरीदी समेत कई पाकिस्तानी चैनल्स अब भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते।
Pakistani Celebrities Social Media Ban : भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के बीच, एक बार फिर कुछ पाकिस्तानी सेलिब्रिटीज के सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में ब्लॉक कर दिए गए हैं। इनमें फवाद खान, माहिरा खान, मावरा होकेन, हानिया आमिर, युमना जैदी और शाहिद अफरीदी जैसे कई नाम शामिल हैं। गुरुवार सुबह ये अकाउंट्स भारत में देखे नहीं जा सके, जबकि 2 जुलाई को कुछ समय के लिए इनकी एक्सेस बहाल हुई थी। लेकिन अब दोबारा इन्हें ब्लॉक कर दिया गया है। ये ब्लॉकिंग सिर्फ इंस्टाग्राम तक नहीं है, बल्कि X (ट्विटर) और यूट्यूब जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू है।
क्यों हुआ था बैन?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी कंटेंट और चैनलों को लेकर कड़ी कार्रवाई की गई थी। इसके तहत कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक कर दिया गया था। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, 'अगर ऑपरेशन सिंदूर हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है, तो ऐसे अकाउंट्स की पहुंच दोबारा बहाल करने का कोई ठोस कारण नहीं है।'
किन-किन अकाउंट्स पर लगा है बैन?
फवाद खान (एक्टर)
माहिरा खान (एक्ट्रेस)
शाहिद अफरीदी (पूर्व क्रिकेटर)
मावरा होकेन
हानिया आमिर
युमना जैदी
ARY Digital, हम टीवी और हर पाल जियो जैसे यूट्यूब चैनल्स
भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट बैन कैसे होता है?
भारत सरकार ने 2021 में 'इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स' लागू किए, जिन्हें 6 अप्रैल 2023 को अपडेट किया गया। ये गाइडलाइंस खास तौर पर सोशल मीडिया, वेब सीरीज़, फिल्म और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म्स के लिए बनाई गई हैं। कंटेंट अपलोड करने से पहले ये नियम जानना जरूरी है।
1. कंटेंट की कैटेगरी तय करना जरूरी है
फिल्म, वेब सीरीज या एंटरटेनमेंट प्रोग्राम को उनके दर्शकों (Target Audience) के हिसाब से उम्र वर्गों में बांटना जरूरी है, जैसे: U, U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+, A. इसके साथ ही यह भी चेतावनी देना जरूरी है कि कंटेंट में क्या दिखाया जा रहा है, जैसे हिंसा, भाषा, या सेक्सुअल चीजें।
2. सेल्फ-रेगुलेशन जरूरी है
सरकार चाहती है कि कंटेंट निर्माता और प्लेटफॉर्म खुद ये ध्यान रखें कि जो भी अपलोड हो रहा है, वो कानून के अनुरूप हो। कोई भी आपत्तिजनक, देशविरोधी, अश्लील या महिला और बच्चों को नुकसान पहुँचाने वाला कंटेंट नहीं होना चाहिए। चाइल्ड पोर्नोग्राफी, जबरदस्ती किया गया सेक्स, हिंसक सेक्सुअल कंटेंट या नफरती भाषा, ये सब पूरी तरह बैन हैं। OTT और ऐप्स को खुद यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका कंटेंट इन नियमों के मुताबिक है।
3. शिकायत की प्रक्रिया भी तय है
अगर किसी यूज़र को किसी कंटेंट पर आपत्ति है, तो वो उसकी शिकायत कर सकता है। हर प्लेटफॉर्म या ऐप पर एक 'Grievance Officer' की जानकारी (नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल ID) होना जरूरी है। शिकायत मिलते ही 24 घंटे में उसे रजिस्टर किया जाना चाहिए और शिकायतकर्ता को इसका एक्नॉलेजमेंट (Acknowledgment) देना होगा। 15 दिनों के भीतर शिकायत का निपटारा होना चाहिए। जरूरत पड़ी तो कंटेंट हटाया भी जा सकता है।
अगर शिकायत नहीं सुनी गई तो?
ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता सीधे सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) की वेबसाइट पर जाकर अपनी बात रख सकता है। जहां उसकी शिकायत का निपटाता तुरंत किया जा सकता है और संबंधित पर एक्शन भी लिया जा सकता है।
क्यों जरूरी हैं ये नियम?
- इन गाइडलाइंस का मकसद है कि इंटरनेट पर भी जिम्मेदारी के साथ आजादी हो।
- यूजर्स की सुरक्षा
- फ्री स्पीच की सीमाएं तय करना
- नफरत, झूठ और अश्लीलता पर रोक लगाना
- सोशल मीडिया पर आप क्या नहीं करें
क्या न करें
- VPN का दुरुपयोग न करें। भारत में बैन कंटेंट को देखने के लिए VPN का उपयोग करना कानूनी रूप से आपत्तिजनक हो सकता है।
- ब्लॉक किए गए कंटेंट को सोशल मीडिया पर री-शेयर करना IT Act के तहत अपराध माना जा सकता है।
- भ्रामक या उकसाने वाले कंटेंट को सपोर्ट करना साइबर कानूनों के अंतर्गत आता है और इससे दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिए गए कंटेंट की जिम्मेदारी केवल क्रिएटर की नहीं, बल्कि री-शेयर करने वाले यूज़र्स की भी होती है।
- भारत में बैन किए गए किसी भी अकाउंट या चैनल से जुड़ी सामग्री को बढ़ावा देना आईटी नियम के उल्लंघन के तहत आ सकता है।
- यह जरूरी है कि आप सूचना सोर्स की प्रामाणिकता जांचें और किसी भी अफवाह या गलत सूचना से बचें।