योगी सरकार की किसान पाठशाला 8.0 के तहत रबी सीजन 2025-26 में 10 दिनों में 6.98 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आधुनिक खेती, नवाचार और आय बढ़ाने के तरीकों से किसानों को जोड़ना है।
लखनऊ। योगी सरकार के निर्देश पर प्रदेश के किसानों को आधुनिक खेती और कृषि में नवाचार से जोड़ने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कृषि विभाग के तत्वावधान में इस वर्ष रबी सीजन के दौरान भी किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि वे नई तकनीकों को अपनाकर अपनी पैदावार और आय बढ़ा सकें।
किसान पाठशाला 8.0 रबी 2025-26 का शुभारंभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 दिसंबर को बाराबंकी जनपद में पद्मश्री किसान रामसरन वर्मा के गांव दौलतपुर से किसान पाठशाला 8.0 (रबी 2025-26) का शुभारंभ किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 29 दिसंबर तक चलेगा। अब तक 10 दिनों में ही 6.98 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
10 दिनों में लगभग 7 लाख किसानों को मिला प्रशिक्षण
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसान पाठशाला कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश की 21 हजार ग्राम पंचायतों में कराने के लिए जनपदीय और मंडलीय कार्यालयों को निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में 12 दिसंबर से 21 दिसंबर तक कुल 6720 ग्राम पंचायत स्तरीय किसान पाठशालाओं और गोष्ठियों का आयोजन किया गया।
पुरुष और महिला किसानों की बड़ी भागीदारी
10 दिनों के भीतर जिन 6.98 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, उनमें 4.37 लाख पुरुष किसान, 2.61 लाख महिला किसान शामिल हैं। इन पाठशालाओं में किसानों को कृषि विभाग के साथ-साथ सहवर्ती विभागों की योजनाओं और कृषि विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों में हो रहे नवाचारों की जानकारी दी गई।
2017 से अब तक लगभग दो करोड़ किसान हो चुके प्रशिक्षित
कृषि विभाग के अनुसार, किसान पाठशाला कार्यक्रम के तहत वर्ष 2017-18 से अब तक लगभग दो करोड़ से अधिक किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती के लिए तैयार करना और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
आधुनिक खेती, प्राकृतिक कृषि और आय बढ़ाने पर जोर
योगी सरकार की इस पहल के तहत किसानों को आधुनिक खेती की तकनीक, प्राकृतिक खेती, फसल प्रबंधन, फसल सुरक्षा, मृदा स्वास्थ्य, बागवानी, सरकारी कृषि योजनाएं कम लागत में अधिक उत्पादन के तरीके, जैसे विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे किसान आत्मनिर्भर बन सकें और बेहतर उत्पादन के जरिए अपनी आमदनी बढ़ा सकें।


