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यमुना एक्सप्रेसवे पर रफ्तार बन रही है जानलेवा, हादसों के आंकड़े दे रहे चेतावनी
यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार और नियमों की अनदेखी लगातार जानलेवा साबित हो रही है। हादसों के आंकड़े डराने वाले हैं। कोहरे, ओवरस्पीड और सेफ डिस्टेंस न रखने से दुर्घटनाएं बढ़ीं। जेवर एयरपोर्ट के बाद खतरा और बढ़ सकता है।

यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसों ने उड़ाए होश
चमचमाती सड़क, लंबा सफर और तेज रफ्तार, यमुना एक्सप्रेसवे पर यह सब आम है, लेकिन यही रफ्तार अब जानलेवा साबित हो रही है। नियम कागजों में तय हैं, मगर ज़मीन पर हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। खासकर सर्दियों के मौसम में कोहरे के बीच यह एक्सप्रेसवे हादसों का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है।
नियम हैं, लेकिन पालन नहीं, यही बन रही सबसे बड़ी वजह
यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 75 किलोमीटर प्रति घंटा तय है और दो वाहनों के बीच कम से कम 70 मीटर की दूरी रखना अनिवार्य है। बावजूद इसके, अधिकतर चालक इन नियमों की अनदेखी करते नजर आते हैं। कोहरे के दौरान जब दृश्यता लगभग शून्य हो जाती है, तब ओवरस्पीड और सेफ डिस्टेंस न रखना गंभीर टक्करों और वाहनों के पलटने का कारण बन रहा है।
हादसों के आंकड़े बता रहे हैं भयावह सच
आंकड़े इस खतरे की गवाही खुद दे रहे हैं। वर्ष 2017 में जहां 763 हादसों में 146 लोगों की जान गई, वहीं 2019 में 560 हादसों में 195 मौतें दर्ज की गईं। 2024 में यह संख्या 528 हादसों और 112 मौतों तक पहुंची। सबसे चौंकाने वाली स्थिति 2025 की है—साल अभी पूरा भी नहीं हुआ और हादसों की संख्या 1198 तक पहुंच चुकी है, जो हालात की गंभीरता को साफ दिखाता है।
रोज़ 30 हजार वाहन, बढ़ता जोखिम
यमुना एक्सप्रेसवे से प्रतिदिन करीब 30 हजार वाहन गुजरते हैं। इनमें भारी वाहनों और तेज रफ्तार कारों की संख्या अधिक है। विशेषज्ञों के मुताबिक नींद में ड्राइविंग, ओवरस्पीड और सेफ डिस्टेंस न रखना हादसों की मुख्य वजह हैं। लगातार बढ़ता ट्रैफिक इस खतरे को और बढ़ा रहा है।
सुरक्षा के लिए कदम, लेकिन क्या काफी हैं?
टोल प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। रात में भारी वाहन चालकों को मुफ्त चाय पिलाई जा रही है और सुरक्षित यात्रा के लिए जागरूकता पर्चे बांटे जा रहे हैं। हल्के वाहनों की गति सीमा 75 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों की 60 किमी प्रति घंटा तय की गई है। बड़े वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाए जा रहे हैं और सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए जा रहे हैं।
जेवर एयरपोर्ट के बाद और बढ़ेगा दबाव
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के शुरू होने के बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर यातायात का दबाव और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में यदि चालक नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो हादसों का खतरा और भी गंभीर हो सकता है। विशेषज्ञों का साफ कहना है कि गति सीमा और सेफ डिस्टेंस का सख्त पालन ही इस एक्सप्रेसवे को सुरक्षित बना सकता है, वरना यह सिलसिला यूं ही जारी रहेगा।
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