सार

Ganga expressway Uttar Pradesh: वाराणसी से प्रयागराज के बीच जाम से जल्द मिलेगी मुक्ति! गंगा किनारे बन रहा नया हाईवे, सफ़र होगा आसान और खूबसूरत। DPR तैयार, जल्द शुरू होगा काम।

Varanasi Prayagraj new highway: क्या आप वाराणसी से प्रयागराज जाते समय घंटों जाम में फंसे रहते हैं? अब आपको राहत मिलने वाली है! सरकार जल्द ही एक नया हाईवे लेकर आ रही है जो न केवल ट्रैफिक की समस्या खत्म करेगा, बल्कि गंगा किनारे शानदार सफर का अनुभव भी देगा।

गंगा के किनारे बनेगा नया वैकल्पिक हाईवे

वाराणसी और प्रयागराज के बीच मौजूदा छह लेन सड़क पर यातायात का दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। जाम से परेशान यात्रियों के लिए अब राहत की खबर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को एक ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।

160 किमी लंबा होगा नया एक्सप्रेसवे

इस नए वैकल्पिक एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 160 किलोमीटर होगी, जो वाराणसी से मीरजापुर होते हुए प्रयागराज तक फैलेगा। सबसे खास बात यह है कि यह सड़क गंगा नदी के किनारे से होकर गुजरेगी, जिससे यात्रियों को एक सुंदर और शांत यात्रा का अनुभव मिलेगा।

DPR की तैयारी शुरू, एक साल में हो सकता है तैयार

परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें यह तय किया जा रहा है कि सड़क दो लेन की होगी या चार लेन की। रिपोर्ट में लागत, लाभ, जोखिम, और जमीन की स्थिति जैसे पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि एक वर्ष के भीतर DPR को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

हाईटेक टूल्स से हो रहा है काम

NHAI इस परियोजना में आधुनिक तकनीकों जैसे सिमुलेशन सॉफ्टवेयर, जीपीएस, जीआईएस और थियोडोलाइट का इस्तेमाल कर रहा है। इससे सड़क की एलाइनमेंट और ट्रैफिक प्रोजेक्शन जैसे बिंदुओं का सटीक आकलन संभव हो सकेगा।

जलमार्ग से भी जुड़ने की योजना

इस नई सड़क को वाराणसी के रामनगर स्थित मल्टीमॉडल टर्मिनल से जोड़ने की भी योजना है। इससे सड़क और जलमार्ग के समन्वय से एक मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम खड़ा होगा, जो व्यापार और यात्रा—दोनों के लिहाज़ से बड़ा कदम होगा।

क्या बदलेगा इस नए हाईवे से?

  • प्रयागराज-वाराणसी सफर होगा आसान और जाम रहित
  • गंगा किनारे का नया सफर देगा प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव
  • त्योहारों और विशेष अवसरों पर भी रहेगा कम दबाव
  • जल व सड़क परिवहन को जोड़ने से बढ़ेगा क्षेत्रीय विकास

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