UP secondary education timetable : यूपी बोर्ड ने 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों के लिए पहली बार एक समान समय सारिणी जारी की है। 1 जुलाई से लागू होने वाली इस समय सारिणी से पढ़ाई में एकरूपता आएगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
UP Board timetable: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने प्रदेश भर के 29,000 से अधिक माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 9 से 12 तक) में पढ़ाई को व्यवस्थित और नियमित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड ने पहली बार सुझावात्मक समयसारिणी (Suggestive Timetable) तैयार की है, जिससे अब हर स्कूल में एकरूपता के साथ विषयों का अध्यापन हो सकेगा।
अब तक हर स्कूल अपने संसाधनों और शिक्षक उपलब्धता के अनुसार अपनी अलग-अलग समयसारिणी बनाता था, जिससे शिक्षा के स्तर और पढ़ाई में अंतर देखा जाता था। लेकिन अब बोर्ड की ओर से जारी यह समयसारिणी पूरे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और निगरानी को बेहतर बनाने का माध्यम बनेगी।
एक जुलाई से होगी नई व्यवस्था की शुरुआत
बोर्ड सचिव भगवती सिंह के अनुसार, यह समयसारिणी 1 जुलाई से लागू की जाएगी, जब ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल फिर से खुलेंगे। इस समयसारिणी में यह निर्धारित किया गया है कि किस कक्षा में किस घंटे में कौन सा विषय पढ़ाया जाएगा। हालांकि, प्रधानाचार्य को यह अधिकार रहेगा कि वे विषय और शिक्षक की उपलब्धता के अनुसार इसमें कुछ संशोधन कर सकें।
यह भी पढ़ें: नोएडा की तरह अब आएगा ग्रेटर गाजियाबाद, योगी सरकार बसाएगी नया सुपर सिटी
अब स्कूलों में पढ़ाई होगी घंटेवार तय
नई समयसारिणी में कक्षा 9 से 12 तक के लिए सोमवार से शनिवार तक पहले से आठवें घंटे तक विषयवार पढ़ाई का निर्धारण किया गया है। हर दिन चौथे घंटे के बाद मध्याह्न अवकाश रखा गया है। उदाहरण के तौर पर, कक्षा 11 में सोमवार से बुधवार तक पहले घंटे में हिंदी पढ़ाई जाएगी, जबकि गुरुवार को पहले घंटे में अंग्रेजी/चित्रकला का पाठ होगा और हिंदी को तीसरे घंटे में स्थान दिया गया है। इस तरह हर कक्षा और हर दिन के लिए अलग-अलग विषय घंटेवार निर्धारित किए गए हैं ताकि विषयों में विविधता बनी रहे और छात्रों का मन लगा रहे।
सभी स्कूलों के लिए वेबसाइट पर उपलब्ध है समयसारिणी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यह सुझावात्मक समयसारिणी अपनी आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर अपलोड कर दी है। इसके माध्यम से राज्य के हर विद्यालय को एक समान दिशा-निर्देश मिलेंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा और विद्यार्थियों की परीक्षा तैयारी अधिक प्रभावशाली हो सकेगी।
शिक्षा में एकरूपता से छात्रों को होगा सीधा लाभ
अब तक विद्यालयों में समयसारिणी की अनियमितता और जिला अनुसार भिन्नता के कारण छात्रों को पढ़ाई में असमानता का सामना करना पड़ता था। नई प्रणाली से न सिर्फ पढ़ाई का माहौल सुधरेगा, बल्कि छात्रों की उपस्थिति में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। बोर्ड का मानना है कि जब हर स्कूल में एक जैसे समय पर एक जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे, तो विद्यार्थियों की सर्वांगीण विकास और बोर्ड परीक्षा की तैयारी अधिक सुव्यवस्थित होगी।
एकरूप समयसारिणी से शिक्षा व्यवस्था होगी अधिक मजबूत
यूपी बोर्ड की यह पहल राज्य की शिक्षा प्रणाली को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में अहम कदम है। इससे छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को स्पष्ट दिशा मिलेगी और शिक्षा में समानता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी।
यह भी पढ़ें: UP के शहर बनेंगे 'अल्टीमेट ग्रीन सिटी', AC का खर्च होगा आधा, योगी सरकार तैयार!