श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, न्यास के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती का निधन हो गया। रीवा में अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनका देहांत हुआ। 16 दिसंबर को अयोध्या में उनकी शोभायात्रा निकलेगी।
जिस आवाज़ ने राम जन्मभूमि आंदोलन को वैचारिक धार दी, जिस संकल्प ने अयोध्या को विश्व पटल पर स्थापित किया, वह आज मौन हो गया। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के संस्थापक सदस्य, संत, विचारक और पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का निधन हो गया है। उनके जाने से न सिर्फ अयोध्या, बल्कि पूरे सनातन समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
रीवा में अचानक बिगड़ी तबीयत, नहीं मिल सका एयर एंबुलेंस का लाभ
वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ. राघवेश दास वेदांती ने जानकारी दी कि राम विलास वेदांती मध्य प्रदेश के रीवा में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। भोजन करने के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति गंभीर होने पर भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी की गई, लेकिन घने कोहरे के कारण एयर एंबुलेंस लैंड नहीं कर सकी। इसी दौरान उनका निधन हो गया।
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16 दिसंबर को अयोध्या में निकलेगी शोभायात्रा
डॉ. राघवेश दास वेदांती ने बताया कि पूज्य महाराज की अंतिम शोभायात्रा 16 दिसंबर 2025, मंगलवार को निकाली जाएगी। यह यात्रा अयोध्या स्थित हिंदू धाम आश्रम से सुबह लगभग 10:30 बजे के बाद प्रारंभ होगी। शोभायात्रा में देशभर से संत-महात्मा, साधु-संत, रामभक्त, श्रद्धालु और अनेक गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।
राम जन्मभूमि आंदोलन के वैचारिक स्तंभ थे वेदांती
राम विलास वेदांती श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के उन प्रमुख चेहरों में शामिल थे, जिन्होंने वर्षों तक वैचारिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर संघर्ष किया। वे न सिर्फ आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में रहे, बल्कि संसद से लेकर संत समाज तक राम मंदिर के पक्ष में मुखर आवाज़ बने।
सीएम योगी ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. राम विलास वेदांती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद और अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जाना एक युग का अवसान है।
त्याग और सेवा का जीवन रहा प्रेरणा स्रोत
सीएम योगी ने अपने संदेश में कहा कि धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा को समर्पित डॉ. वेदांती का त्यागमय जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना की कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल शिष्यों व अनुयायियों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
संत समाज और रामभक्तों में शोक
राम विलास वेदांती के निधन की खबर मिलते ही संत समाज, रामभक्तों और उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। अयोध्या में उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगने लगा है। उनका जीवन राम, राष्ट्र और धर्म के लिए समर्पित रहा, जिसे आने वाली पीढ़ियां लंबे समय तक स्मरण रखेंगी।
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