बाराबंकी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पैरों पर गिरकर कार्यकर्ता रोने लगा। वह अपनी गुहार उनतक पहुंचाने के लिए उनके पैरों में गिरा जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आपकी तरह हम भी कार्यकर्ता हैं, ऐसे नहीं करते।
बरेली में पुलिस ने गोकशी करते तस्करों के गिरोह को पकड़ा तो उसमें दो महिलाएं भी शामिल निकलीं, वह इतनी खतरनाक हैं कि पकड़े जाने से बचने के लिए कुल्हाड़ी से पुलिस पर ही हमला कर दिया।
शामली के कैराना कस्बे में मंदिर और मस्जित से लाउडस्पीकर उतरवाए गए। कैराना सीओ बिजेंद्र भड़ाना ने बताया कि धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर आदेश मानने की अपील हुई है। पुलिस द्वारा कैराना कस्बे में अभियान चलाया गया।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ ही देश-विदेश से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा देखने को मिलेगा। इस बीच रिंग रोड का भी प्रस्ताव है। यह रिंग रोड 34 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी।
मुरादाबाद के एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने वायरल वीडियो पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसमें दिखाए गए सारे आरोप बेबुनियाद है। उस वीडियो में अधिकारियों के साथ नोंकझोंक भी दिखी थी।
वीडियो डेस्क। 3 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। ये तिथि साल में आने वाले 4 अबूझ मुहूर्तों में से एक है। काशी विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग में विनय कुमार पाण्डेय ने बताया क्या है अक्षय तृतीया का मतलब। उन्होंने अक्षय तृतीया से जुड़े कुछ बातें बताई।
बलिया में मरीज को ठेले पर ले जाने की तस्वीरें एक बार फिर से सामने आई हैं। इस दौरान डॉक्टर पर भी लापरवाही का आरोप लगा है। वहीं वायरल तस्वीर को लेकर चिकित्सक कह रहे हैं कि परिजन उसे अपनी मर्जी से ठेले पर लेकर गए थे।
यूपी की बीएचयू में इफ्तार पार्टी को लेकर छात्रों के बाद संत समाज भी इस विवाद में कूद चुका है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में रामनवमी नहीं मनाई जाती तो यहां इफ्तार पार्टी क्यों?
प्रयागराज में भाजपा नेता के भाई की गोली मारकर हत्या का मामला सामने आया है। मृतक बच्चों को लेने के लिए स्कूल गया हुआ था इसी बीच यह वारदात सामने आई। मामले में पुरानी रंजिश की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
सीएम कार्यलय को प्राप्त होने वाले जनता और महानुभावों के पत्रों का ऑनलाइन संचालन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिससे लोगों की फरियाद फाइलों में गुम न हो क्योंकि लोगों को महीनों पता नहीं चल पाता कि मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का क्या हुआ? लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।