Mahayogi Guru Gorakhnath Ayush University: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन 1 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। यह सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और आयुष शिक्षा का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा।
Gorakhpur Ayush University inauguration: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बनकर तैयार हुआ महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय अब उद्घाटन के मुहाने पर है। यह वही संस्थान है जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस विश्वविद्यालय का औपचारिक लोकार्पण करेंगी। उद्घाटन समारोह को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
भव्य समारोह की तैयारी, जर्मन हैंगर में लगेगा आयोजन
गोरखपुर के भटहट ब्लॉक स्थित इस विश्वविद्यालय परिसर में उद्घाटन समारोह के लिए 11,500 वर्ग फीट क्षेत्र में जर्मन हैंगर पंडाल लगाया जा रहा है।
- मंच की लंबाई: 60 फीट
- चौड़ाई: 40 फीट ऊंचाई: 8 फीट
वहीं, वीआईपी अतिथियों के लिए स्विस कॉटेज की भी व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल को पूरी तरह से प्रशासनिक सुरक्षा और व्यवस्था के तहत सजाया जा रहा है।
नाथ परंपरा से प्रेरित नाम, पूर्व राष्ट्रपति ने किया था शिलान्यास
इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। यह 52 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है और इसका नाम नाथ संप्रदाय के प्रसिद्ध संत महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखा गया है। प्रोफेसर ए.के. सिंह विश्वविद्यालय के पहले कुलपति नियुक्त किए गए हैं।
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आयुष शिक्षा का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा गोरखपुर विश्वविद्यालय
यह विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा संस्थान बनने जा रहा है जो आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को एकीकृत रूप से पढ़ाएगा और शोध कार्य कराएगा। आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक चिकित्सा का संगम यहां की शिक्षा प्रणाली की विशेषता होगी।
प्रस्तावित कोर्स:
- B.Sc नर्सिंग (आयुर्वेद)
- B. Pharma (आयुर्वेद/यूनानी/होम्योपैथ)
- डिप्लोमा इन क्षारसूत्र, अग्निकर्म, पंचकर्म असिस्टेंट योग एवं नेचुरोपैथी डिप्लोमा
पहले ही शुरू हो चुकी है आयुष ओपीडी सेवा
15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां आयुष ओपीडी का शुभारंभ किया था। तब से अब तक एक लाख से अधिक मरीजों ने यहां पर आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक उपचार सेवाओं का लाभ उठाया है।
BHU भी जुड़ा रुचि के साथ, शोध को मिलेगा नया आधार
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने भी इस विश्वविद्यालय में चलने वाले शोध कार्यक्रमों में रुचि दिखाई है। यह साझेदारी आयुष चिकित्सा को आधुनिक वैज्ञानिक आधार देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
पूर्वांचल को मिलेगा नया गौरव, रोजगार और स्वास्थ्य की नई राह
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय न केवल पूर्वांचल के युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार का केंद्र बनेगा, बल्कि आयुष चिकित्सा पद्धति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में भी मील का पत्थर साबित होगा। उद्घाटन के साथ ही गोरखपुर एक राष्ट्रीय स्तर के आयुष हब के रूप में उभरेगा, जो पूरे भारत के लिए आदर्श बनेगा।